महाराष्ट्र
Published: Aug 27, 2023 01:02 AM ISTMaharashtra Politicsमहाराष्ट्र: बारामती में अजित पवार का जोरदार शक्तिप्रदर्शन, उपमुख्यमंत्री बोले- 'मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं'
पुणे. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद अजित पवार शनिवार को पहली बार बारामती पहुंचे, जहां एनसीपी कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान एनसीपी कार्यकर्ताओं ने जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया। पवार ने कहा कि मैं सत्ता का भूखा नहीं हूं। सत्ता आती है और जाती है लेकिन मुझे जो पद मिला है उसका उपयोग यहां के लोगों के विकास के लिए करूंगा।
एनसीपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, “पिछले चुनाव में बारामती की जनता ने मुझे 1 लाख 68 हजार वोटों के अंतर से चुना था, इसलिए मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है और इसके लिए मैं सुबह पांच बजे से काम कर रहा हूं। मैं यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा हूं कि यहां के लोगों को भविष्य में कोई परेशानी न हो।”
पवार ने कहा, “मैं नहीं सोचा था कि बारामतीकर मेरा इतने उत्साह से स्वागत करेंगे।” उन्होंने कहा, “आज हमारे पास जो कुछ भी है वह बारामतीकरों की वजह से है। मैं फुले, शाहू महाराज और आंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने वाला कार्यकर्ता हूं। मैं अपनी आंखों के सामने 50 साल का भविष्य लेकर काम करता हूं। उस समय अतिक्रमण करना पड़ता है और कुछ कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं। लेकिन वे आवश्यक हैं।”
अजित पवार ने कहा, “मैं सत्ता के लिए भूखा कार्यकर्ता नहीं हूं, सत्ता आती है और जाती है। प्राप्त पद का उपयोग आम जनता के लिए किया जाना चाहिए। आने वाले समय में महाराष्ट्र में कई जगहों पर बैठकें करनी होगी।” उन्होंने कहा, “सौभाग्य से राज्य का खजाना हमारे नियंत्रण में है, इस वजह से इस क्षेत्र के लोगों का काम मजबूती से करेंगे।”
अजित पवार ने नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को पांचवें स्थान पर पहुंचा दिया है।” उन्होंने कहा, “पिछले दिनों मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोला था, उस वक्त मुझे नहीं पता था कि आगे चलकर इतना अच्छा काम होगा। मोदी के नेतृत्व में देश अब प्रगति कर रहा है।” उन्होंने कहा, “चंद्रयान के कारण दुनिया में देश का नाम रोशन हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को नई दिशा दी। इससे भारत को विश्व भर में प्रतिष्ठा प्राप्त हुई।”
गौरतलब है कि अजित पवार और आठ अन्य NCP विधायक 2 जुलाई को राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में शामिल हो गए, जिससे पार्टी में विभाजन हो गया।