महाराष्ट्र

Published: May 05, 2023 06:45 PM IST

Palgharमहाराष्ट्र: पालघर में मां की पीड़ा देख पसीजा बेटे का दिल, पानी भरने के लिए घर में ही खोदा कुआं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पालघर: अपने प्यार के लिए पहाड़ तोड़ने वाले दशरथ मांझी आपको तो याद होंगे। लेकिन अपनी मां की पीड़ा देखकर महाराष्ट्र के पालघर में आदिवासी पाडे में रहने वाले में एक स्कूली छात्र ने अपने घर के पास एक कुआं खोदा है। इस लड़के का नाम प्रणव रमेश सालकर (Pranav Ramesh Salkar) है और वह नौवीं कक्षा में पढ़ता है।

हम सभी डिजिटल इंडिया का सपना देख रहे हैं। एक तरफ केंद्र सरकार दावा कर रही है कि देश विकास कर रहा है, तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार दावा कर रही है कि राज्य तरक्की कर रहा है। लेकिन केंद्र और राज्यों की सरकारों को पालघर जिले की आदिवासियों की पीड़ा नहीं दिख रही है। पालघर के पाड़ों में रह रहे इन लोगों को पानी, सड़क, बिजली और स्वास्थ्य सुविधाओं का कई वर्षों से इंतजार है। पालघर के पाड़ा के आदिवासियों को एक गिलास पानी लेने के लिए दो किमी पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है। 

केलवे गांव का धवांगे पाड़ा 600 से 700 लोगों की आबादी वाला पाड़ा है। यहां के कुओं और बोरिंग से खारा पानी मिलता है। इसलिए यह हमेशा पानी की किल्लत रहती है। हालांकि महाराष्ट्र ग्रामीण जल आपूर्ति योजना के तहत केल्वे गांव में पानी की आपूर्ति की जाती है, लेकिन नल से सप्ताह में केवल तीन दिन यानी रविवार, मंगलवार और गुरुवार को पानी मिलता है। 

रंग लाई मेहनत 

इसी गांव में दर्शना और रमेश का परिवार रहता है, वे मजदूरी कर अपना जीवन चला रहे हैं। काम से आने के बाद प्रणव की मां दर्शना को पानी के लिए भटकना पड़ता है। अपनी मां की परेशानी देखकर उनके बेटे प्रणव ने मां को पीड़ा से बचाने के लिए एक कुआं खोदने का फैसला किया। उसने घर के आंगन में गड्ढा खोदना शुरू किया। प्रतिदिन एक थोड़ा थोड़ा गड्ढा खोदा। 14 साल के प्रणव ने इस कुएं का काम चार दिन में पूरा किया। दिलचस्प बात यह है कि आखिरकार प्रणव की मेहनत रंग लाई। बारह से पंद्रह फीट गहरा गड्ढा खोदने के बाद उसमें मीठा पानी लगा।

जिले भर से हो रही सराहना 

अपनी मां के लिए कुआं खोदने वाले प्रणव रमेश सालकर की जिले भर से सराहना हो रही है। केल्वे थाने के पुलिस निरीक्षक भीमसेन गायकवाड़ इस कहानी को सुनने के बाद प्रणव के घर पहुंचे। पुलिस निरीक्षक ने प्रणव को नौवीं कक्षा की स्कूल की सारी सामग्री, किताबें, यूनिफॉर्म और कपड़े देकर सम्मानित किया है। इतना ही नहीं, उन्होंने सालकर परिवार को 9वीं और 10वीं की पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाने का आश्वासन दिया है।