महाराष्ट्र

Published: Jul 17, 2023 05:44 PM IST

Maharashtra Politicsमहाराष्ट्र: शरद पवार को मनाने की कोशिश फिर बेकार! नहीं मान रहे NCP प्रमुख, अजित पवार गुट को नहीं मिला कोई जवाब

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) और उनके गुट के अन्य बागी नेताओं ने सोमवार फिर एक बार को लगातार दूसरे दिन मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की और उनसे पार्टी को एकजुट रखने का अनुरोध किया। हालांकि उन्हें पवार को मनाने में सफलता हाथ नहीं लगी। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है।

शरद पवार से मुलाकात के बाद अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, “आज, अजीत पवार, सुनील तटकरे और मैंने वाईबी चव्हाण केंद्र में शरद पवार से मुलाकात की। हमने उनसे फिर से एनसीपी को एकजुट रखने का अनुरोध किया और उन्होंने हमारी बात सुनी लेकिन इस पर कुछ नहीं कहा।”

इससे पहले रविवार को अजित पवार और उनके गुट के अन्य बागी विधायकों ने पहली बार एनसीपी प्रमुख से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की थी। उन्होंने नेताओं को जवाब नहीं दिया था। पवार से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान पटेल ने बताया, “आज हम सब हमारे नेता शरद पवार जी से मिलने आए हैं और हमने उनसे आशीर्वाद मांगा। हमारी जो इच्छा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एक साथ रहे और मजबूती से आगे काम करे, इसके लिए हमने शरद पवार को कहा कि वे इस दिशा में विचार करें। शरद पवार ने किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी है।”

गौरतलब है कि 2 जुलाई को एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने पार्टी में विभाजन का नेतृत्व करते हुए सत्तारूढ़ सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। अजित पवार के अलावा छगन भुजबल और हसन मुशरिफ समेत राकांपा के आठ अन्य विधायकों ने भी शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।

वहीं, 14 जुलाई को महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। नए उपमुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त विभाग सौंपा गया। इसके अलावा एनसीपी के अन्य बागी विधायकों को भी विभिन्न विभाग आवंटित किए गए। जिसके लिए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने कृषि, राहत और पुनर्वास सहित तीन विभाग एनसीपी को सौंपे। जबकि, जबकि देवेंद्र फडणवीस की भाजपा को वित्त, सहयोग, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, खेल और महिला एवं बाल कल्याण विभाग छोड़ना पड़ा।