मुंबई

Published: Feb 07, 2022 09:20 PM IST

Mumbai Local Train Updateआज से शुरू होगी 5वीं 6 ठी लाइन, लोकल ट्रेन के यात्रियों को मिलेगी राहत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: सेंट्रल रेलवे (Central Railway) की मुंबई लोकल ट्रेन (Local Train) से यात्रा करने वालों को मंगलवार से बड़ी राहत मिलने वाली है। बहुप्रतिक्षित ठाणे-दिवा लोकल कॉरिडोर (Thane-Diva Local Corridor) का काम तय समय के अनुसार  आखिरकार सोमवार की देर रात ख़त्म हो गया था। एमआरवीसी (MRVC) के माध्यम से पुरे किए गए 5 वीं 6 ठी लाइन के इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्य के लिए 72 घंटे का मेगा ब्लॉक (72 Hours Mega Block) लिया गया। शुक्रवार की रात से ही शुरु किया गया इंजीनियरिंग, ओएचई, एस एंड टी, डायवर्जन आदि सभी कार्य सोमवार की देर रात तक पूरा कर लिया गया।

मुंबई रेलवे विकास निगम के अनुसार, 5 वीं 6 ठी लाइन का काम पूरा कर 8 फरवरी से सेन्ट्रल रेलवे को सौंप दिया जाएगा। सोमवार को एमआरवीसी और मध्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेलवे सेफ्टी कमिश्नर मनोज अरोरा ने भी कार्यस्थल का दौरा किया।

यात्रियों को मिलेगी राहत: डॉ. श्रीकांत शिंदे

इस कॉरिडोर के काम को जल्दी पूरा कराने के लिए लगातार प्रयास करने वाले सांसद डॉ श्रीकांत शिंदे ने कहा कि अब इस रूट पर यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। लोकल फेरियां बढ़ने से विशेषकर उपनगर के यात्रियों सफ़र आसान हो जाएगा। भविष्य में कुर्ला से सीधे कल्याण के लिए लोकल यात्रा सुलभ होगी।

मेगा ब्लॉक्स, मेगा टारगेट

ठाणे-दिवा 5वीं और 6वीं लाइन को शुरू करने के लिए अंतिम चरण में 6 बड़े ब्लॉक लिए गए। अंतिम ब्लॉक 72 घंटे का ब्लॉक रहा।  ब्लॉक के बाद नई टनल नंबर-1 से अप और डाउन स्लो सेवाएं चलने लगीं हैं। 5 टावर वैगन, 2 यूनिमैट मशीन, 6 जेसीबी, 2×2 डीजल मल्टी लोको और एक गिट्टी रेक का उपयोग इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल और सिग्नल और दूरसंचार कार्यों को करने के लिए किया गया।

लोकल और मेल-एक्सप्रेस के लिए अलग ट्रैक

मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने बताया कि ठाणे-दिवा के बीच मौजूदा डाउन और अप फास्ट लाइनों को पारसिक सुरंग के माध्यम से चालू किया जाएगा। इससे अब लोकल और मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए अलग-अलग लाइन उपलब्ध होगी। इससे ट्रेनों की गति बढ़ने के साथ-साथ लोकल की फेरियां भी बढ़ जाएंगी। उल्लेखनीय है कि ठाणे-दिवा 5वीं और 6वीं लाइन को 2008-09 में एमयूटीपी -2 के तहत रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच समान लागत साझीदारी के साथ स्वीकृत किया गया था।

मुख्य विशेषताएं