मुंबई

Published: Feb 17, 2023 07:45 AM IST

Mumbai Newsआरे कारशेड विवाद: देरी से रोजाना 5.87 करोड़ रुपए का हो रहा नुकसान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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मुंबई: मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो के लिए आरे में बन रहे कारशेड का विवाद अभी भी मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) में चल रहा है। कारशेड निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को भी सुनवाई हुई। मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Mumbai Metro Rail Corporation Limited) ने गुरुवार को मुंबई हाईकोर्ट को बताया कि आरे कॉलोनी में कार शेड के निर्माण में देरी हो रही है। एमएमआरसीएल (MMRCL) ने हलफनामा देकर दावा किया कि देरी से रोजाना 5.87 करोड़ रुपए का नुकसान होगा जिसका भार सरकार और आम जनता पर पड़ेगा।  

पर्यावरणविद् जोरू बथेना ने बीएमसी वृक्ष प्राधिकरण द्वारा आरे में मेट्रो-3 के कार शेड के लिए 177 पेड़ों को काटने की नोटिस को चुनौती दी है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 84 पेड़ काटने की इजाजत दी थी। एमएमआरसीएल ने कोर्ट को बताया कि अदालती मामलों के कारण, 2019 में पेड़ों को नहीं काट सका और इसके कारण परियोजना के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या में वृद्धि हो गई है। 2019 में एमएमआरसीएल ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के वृक्ष प्राधिकरण से 84 पेड़ों को काटने की अनुमति मांगी थी। बीएमसी की ओर से दावा किया गया कि 177 में 84 पेड़ और बाकि झाड़ियां हैं जो 2019 के बाद बढ़ी हैं।

चार साल में झाड़ियां बनीं पेड़

एमएमआरसीएल के वकील आशुतोष कुंभकोनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं के चलते यह मामला चार साल तक लंबित रहा। चार साल पहले जो केवल पौधे थे वे स्वाभाविक रूप से बढ़े और अब पेड़ बन गए हैं।

ये है मामला

राज्य सरकार द्वारा कोलाबा-बांद्रा-सीप्ज मेट्रो-3 परियोजना मार्ग के लिए बनाए जाने वाले कार शेड को वापस आरे कॉलोनी में स्थानांतरित करने का निर्णय लेने के बाद मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने कुछ पेड़ों को काटने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने 84 पेड़ काटने की अनुमति दी। एमएमआरसीएल ने 177 पेड़ों को काटने के लिए ट्री अथॉरिटी को आवेदन किया था।  

कारशेड विवाद

आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड परियोजना 2014 से विवादों में रही है। 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने आरे कॉलोनी की जगह कांजुर मार्ग में कार शेड बनाने का फैसला किया था। जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने फैसले को पलट दिया और आरे कॉलोनी में कारशेड के पुनर्निर्माण का फैसला किया। तब से यहां काम शुरू है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस. वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंडपीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 23 फरवरी की तारीख तय की है।