मुंबई

Published: Nov 06, 2021 03:20 PM IST

BMC Hospitalsकोरोना के बाद BMC अस्पताल होंगे सुसज्ज, अस्पतालों को मिलेंगे जंबो के बेड्स और वेंटिलेटर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
प्रतिकात्मक तस्वीर

-सूरज पांडे

मुंबई: कोविड महामारी (Covid Pandemic) से निपटने के लिए बीएमसी (BMC) ने जंबो कोविड केंद्र (Jumbo Covid Center)स्थापित किए। इन केंद्रों में बेड्स (Beds), वेंटिलेटर (Ventilators), एक्स रे मशीन (X Ray Machines) जैसे अनेक अतिआवश्यक मेडिकल उपकरण भी खरीदे जिसके चलते लाखों लोगों की जान भी बचाई गई, अब यही मेडिकल उपकरणों का उपयोग कर जल्द बीएमसी के उपनगरीय अस्पताल (BMC Hospitals) और 4 प्रमुख अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में मरीज के उपचार के लिए किया जाएगा।

कोरोना महामारी ने जब गत वर्ष रफ्तार पकड़ी तो अस्पतालों में बेड्स की कमी खलने लगी। ऐसे बीएमसी ने युद्ध स्तर पर वर्ली, बीकेसी, गोरेगांव, मुलुंड, दहिसर में जंबो कोविड केयर केंद्र स्थापित किए। इन कोविड केंद्रों में हजारों मरीजों का उपचार कर उनकी इस जानलेवा बीमारी से बचाया गया। कुछ केंद्र तीसरी लहर से निपटने के लिए भी बनाए गए मुंबई में फिलहाल कुल 11 जंबो कोविड केंद्र मरीजों के लिए रेडी है, लेकिन कोविड अब कमजोर हो गया। 

ताकि नॉन कोविड मरीजों का उपचार हो

मुंबई में रोजाना 500 से कम मरीज मिल रहे हैं, जिसमें से 25 फीसदी को ही अस्पताल में एडमिट होने की आवश्यकता होती है। ऐसे में बीएमसी कुछ केंद्रों को दिसंबर के बाद बंद करने पर विचार कर रही है। यदि केंद्र बंद होते हैं तो उस केंद्र के बेड्स, वेंटिलेटर और अन्य मेडिकल उपकरण बीएमसी के उपनगरीय अस्पतालों को और प्रमुख अस्पतालों को दिया जाएगा ताकि उससे नॉन कोविड मरीजों का उपचार हो। अतिरिक्त मनपा आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि बीएमसी के 2 से 3 अस्पताल 2022 तैयार हो जाएंगे ऐसे में हम जंबो कोविड केंद्रों के मेडिकल उपकरण और बेड्स वहां शिफ्ट करेंगे।

10 हजार बेड्स, 400 वेंटिलेटर

बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुंबई के कुल 11 जंबो कोविड केंद्रों में लगभग 10000 बेड्स उपलब्ध हैं, इसके अलावा 400 वेंटिलेटर, 40 डायलिसिस मशीन और 50 एक्स रे मशीन उपलब्ध है। यह एक बड़ी संख्या है और कोविड के बाद इसे नॉन कोविड मरीजों के उपचार के लिए उपयोग करेंगे। इसके अलावा ऑक्सीजन प्लांट को भी उपनगरीय अस्पतालों में स्थापित करने पर विचार किया जा रहा है।

उपकरण के साथ एक्सपर्ट्स की भी जरूरत

बीएमसी के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि यह बहुत अच्छा निर्णय है, लेकिन उपकरणों के साथ-साथ एक्सपर्ट्स और मनुष्यबल की भी जरूरत रहेगी। बीएमसी को उस पर भी ध्यान देना होगा। 

हमने अब तक 15,000 से अधिक मरीजों का उपचार किया है। फिलहाल केंद्र में 30 मरीज हैं। यदि कोविड कंट्रोल में रहता है तो कुछ केंद्रों को बंद करने पर प्रशासन विचार कर रहा है। यदि जंबो में पड़े उपकरणों को उपनगरीय अस्पतालों को दिया जाता है तो मरीजों के उपचार के लिए मददगार होगा और उन्हें प्रमुख अस्पताल जैसे सायन, केईएम , नायर और कूपर के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उन अस्पतालों से भी मरीजों का भार कुछ हद्द तक कम होगा।

-डॉ. प्रदीप आंग्रे, प्रमुख, मुलुंड जंबो कोविड केंद्र

मुंबई में काफी कम कोविड केसेस मिल रहे हैं, इनमें से भी 25 फीसदी मरीजों को अस्पताल की आवश्यकता पड़ती है। फिलहाल हमारे जंबो कोविड केंद्र खाली पड़े हैं। दिसंबर तक कोविड के मामलों में वृद्धि नहीं होती है तो कुछ केंद्र को बंद कर वहां उपलब्ध मेडिकल उपकरणों को अस्पतालों में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

-सुरेश काकानी, अतिरिक्त बीएमसी आयुक्त