मुंबई

Published: Apr 19, 2023 03:49 PM IST

Tawde Committee Reportचुनावी तैयारियों से खुश नहीं अमित शाह, तावड़े समिति रिपोर्ट में पार्टी की हालत खस्ता!

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम
Pic : Ani

मुंबई: बीजेपी (BJP) के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह (Amit Shah) के मुंबई दौरे के बाद राज्य की राजनीति में उठापटक तेज हो गई हैं। आगामी 10 माह में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के पहले बीएमसी (BMC Elections) सहित अन्य नगर निगमों के चुनाव की तैयारियों को लेकर अमित शाह ने बैठक की थी। बताया गया कि अमित शाह राज्य में पार्टी की चुनाव तैयारियों को लेकर खुश नहीं हैं। लोकसभा चुनाव की समग्र स्थिति की समीक्षा के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने विनोद तावड़े (Vinod Tawde) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस कमेटी ने भी महाराष्ट्र में पार्टी की हालत खस्ता होने की रिपोर्ट दी है।

बताया गया है कि लोकसभा चुनाव को लेकर विनोद तावड़े कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महाराष्ट्र में नकारात्मक स्थिति है। तावड़े की रिपोर्ट को लेकर पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ गई है। इसी को देखते हुए अमित शाह ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष आशीष शेलार को दिल्ली तलब किया।

मिलेंगी आधी से भी कम सीटें!

गौरतलब है कि बीजेपी नेतृत्व की नजर सिर्फ लोकसभा चुनाव पर है। लोकसभा चुनाव से पहले समिति ने प्रत्येक राज्य के स्थानीय पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और विश्लेषकों से जानकारी लेकर अपनी राज्य वार रिपोर्ट तैयार की। महाराष्ट्र को लेकर तैयार की गई समिति रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 2024 में पार्टी को आधी से ज्यादा सीटों का नुकसान हो सकता है। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी-शिवसेना युति ने महाराष्ट्र से 42 सीटों पर विजय हासिल की थी। बताया गया कि तावड़े कमेटी की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि लोकसभा चुनाव में शिंदे फडणवीस सरकार के दम पर बीजेपी-शिवसेना के सीटों की  संख्या 22 से 25 के ऊपर नहीं जा  सकती है।

उद्धव ठाकरे के प्रति सहानभुति

इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना से बड़ी बगावत कर राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार बनने के बाद भी उद्धव के प्रति राज्य में सहानभुति की लहर दिखाई दे रही है। शिंदे के साथ शिवसेना के 40 विधायक भले ही बाहर पड़े हों, परंतु इससे उद्धव ठाकरे के वोट बैंक पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। उधर, कांग्रेस और एनसीपी का वोट बैंक बरकरार दिखाई पड़ रहा है। तावड़े कमेटी ने रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि महाराष्ट्र के साथ बिहार और कर्नाटक राज्यों में बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा।

ऑपरेशन लोटस की चर्चा

राज्य में पार्टी की नकारात्मक स्थिति को देखते हुए ऑपरेशन लोटस की चर्चा को बल मिल रहा है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का एकमात्र ध्यान लोकसभा चुनाव पर है। इसके लिए वे एकनाथ शिंदे गुट को भी झटका दे सकते हैं। तावड़े कमेटी ने रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया है कि महाराष्ट्र के साथ बिहार और कर्नाटक राज्यों में बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा, लेकिन इन तीनों राज्यों में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को लगता है कि महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस के लिए सबसे अच्छा माहौल हो सकता है, इसलिए राज्य की राजनीति में पर्दे के पीछे काफी हलचल दिखाई पड़ रही है। इसे लेकर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व काफी सतर्क कदम उठा रहा है। बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इस बात का भी ध्यान रख रहा है कि महाराष्ट्र की राजनीतिक भले ही अस्थिर हो, परंतु अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में बीजेपी को लेकर नकारात्मक माहौल न बने।