मुंबई

Published: Mar 20, 2024 11:58 AM IST

Bajrang Sonawane Resignsलोकसभा चुनाव से पहले अजित को बड़ा झटका, 'इस' बड़े नेता ने दिया इस्तीफा, अब होंगे शरद पवार गुट में शामिल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
अजित पवार-शरद पवार (डिजाइन फोटो)

मुंबई: इस वक्त महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction) के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। बता दें कि अजित पवार गुट के नेता बजरंग सोनवणे (Bajrang Sonawane Resigns) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से इस्तीफा दे दिया है। सोनवणे ने सुनील तटकरे को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा सौंपा है।  

बजरंग सोनवणे

एक लाइन में इस्तीफा 

पत्र पर लिखा है, ”मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्राथमिक सदस्य के रूप में अपना इस्तीफा सौंपता हूं।” साथ ही इस इस्तीफे की एक कॉपी बीड के एनसीपी जिला अध्यक्ष राजेश्वर चव्हाण को भी सौंपी है। इस खबर से महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है कि अब बजरंग सोनवणे शरद पवार गुट में शामिल होंगे। 

अजित पवार (डिजाइन फोटो)

शरद पवार ग्रुप में जाएंगे

इस बीच सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, अजित पवार के ग्रुप से बाहर होने के बाद सोनवणे आज शाम 4:30 बजे शरद पवार ग्रुप में शामिल होने जा रहे हैं। वह बीड के कई कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे।बताया जा रहा है कि बजरंग सोनवणे पिछले कुछ दिनों से शरद पवार के संपर्क में थे। उन्होंने पुणे में शरद पवार से भी मुलाकात की। 2019 के चुनाव में बजरंग सोनावणे ने सांसद प्रीतम मुंडे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। 

बजरंग सोनावणे का इस्तीफा

इस वजह से दिया इस्तीफा 

उस वक्त धनंजय मुंडे सोनावणे के साथ थे। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि महायुति की सारी तस्वीरें बदल गई हैं। अब बीड से पंकजा मुंडे को उम्मीदवार बनाया गया है। उनके भाई धनंजय मुंडे ने पंकजा मुंडे को जिताने का वादा किया है। इस वजह से बजरंग सोनावणे कहीं न कहीं परेशान थे और ऐसा लग रहा है कि उनकी नाराजगी ही पार्टी बदलने का कारण बनी है। आखिरकार वह अजित पवार गुट को छोड़कर शरद पवार गुट में शामिल हो जायेंगे। 

कौन हैं बजरंग सोनवणे

किसान के बेटे होने के नाते बजरंग सोनवणे ने राष्ट्रवादी पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बजरंग सोनवणे की हार हुई थी। बजरंग सोनावणे ने बीड जिला परिषद के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।वह एक निजी चीनी फैक्ट्री येदेश्वरी शुगर के अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। केज विधानसभा क्षेत्र में बजरंग सोनवणे का अपना एक अलग गुट है।बजरंग सोनवणे बीड जिला एनसीपी के तत्कालीन अध्यक्ष थे। केज नगर पंचायत चुनाव में बजरंग सोनावणे की बेटी डॉ. हर्षदा सोनावणे हार गईं, उन्हें इसका शिकार होना पड़ा।