मुंबई

Published: Oct 06, 2022 08:45 PM IST

Mira-Bhayander Politicsविधायक गीता जैन के दल-बदल से भ्रम में भाजपाई

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-अनिल चौहान

भायंदर: राज्य में तख्तापलट के साथ बीजेपी में वापसी कर चुकीं मीरा-भायंदर (Mira-Bhayander) की निर्दलीय विधायक गीता जैन (Independent MLA Geeta Jain) की दल-बदल भूमिका से जनता और खुद भाजपाई भ्रमित और हैरान हैं क्योंकि बीजेपी (BJP) में होते हुए भी गीता जैन, शिंदे गुट (Shinde Camp) की दशहरा रैली (Dussehra Rally) में शामिल हुईं थीं। असल में वह किस पार्टी में हैं? यह जनता और भाजपाइयों के भी समझ नहीं आ रहा है।

गीता जैन को महाराष्ट्र का रामविलास पासवान समझा जाने लगा है। पासवान की तरह राजनीतिक बदलाव के रुख को वह पहले ही भांप लेती हैं और उस हवा के साथ हो लेती हैं। हालांकि पासवान की तरह जैन राजनीतिक लाभ उठा पाने में अब तक सफल नही रहीं हैं। दरअसल जैन की राजनीतिक जड़ कांग्रेस रही हैं। वह पहली बार कांग्रेस से चुनाव जीतीं थीं।उनके राजनीतिक गुरु और अभिभावक उनके ससुर मीठालाल जैन (पूर्व सांसद) हैं, जो कांग्रेस के बड़े नेता थे। साल 2007 मीरा-भायंदर महानगरपालिका चुनाव हारने के बाद जैन बीजेपी में शामिल हो गईं और महापौर बनी, लेकिन विधायक बनने के चक्कर में बीजेपी को अलविदा कह दी। 

…तो गीता जैन शिवसेना में साथ हो ली

राज्य में बीजेपी की सरकार बनने की सुगबुगाहट लगते ही उनके मन में फिर कमल खिल गया, लेकिन दांव उल्टा पड़ गया और राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार बन गई, तो वह शिवसेना में साथ हो लीं। यह साथ सत्ता रहने तक कि रहा। तख्तापलट के साथ जैन भी यू-टर्न मार लीं और तीसरी बार बीजेपी ज्वॉइन कर लीं। बीजेपी को छोड़ने और पकड़ने के पीछे उनका तर्क था की बीजेपी शीर्ष नेतृत्व मीरा-भायंदर में सत्ता और संगठन की कमान उनके हाथ में देने का वादा दिया था, लेकिन उससे मुकर गया था। एक बार फिर उसी वादे पर भरोसा उन्होंने जताया है।

रवि व्यास ने हैरानी जताई

अब फिर एकनाथ शिंदे की मंच में वह दिखीं हैं, जबकि उनके लिए बीजेपी में हर जगह प्रोटोकॉल फॉलो किया जाता है। इस पर जिला अध्यक्ष एड. रवि व्यास ने हैरानी जताई और प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। हालांकि पार्टी में उनका विरोधी गुट उन्हें घेर लिया है। पूर्व बीजेपी विधायक नरेंद्र मेहता ने कहा कि मेरे भी समझ में नहीं आ रहा है कि जैन किस पार्टी में हैं? उनकी ऑफिस पर अभी तक बीजेपी का बोर्ड तक नहीं लगा है। शिंदे गुट की दशहरा रैली में जाने से तो यही लगता है कि वह अब भी शिवसेना में ही हैं। 

शीर्ष नेतृत्व को कराया था अवगत

इस बीच, विधायक गीता जैन ने कहा कि तख्तापलट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले विधायकों का सम्मान की मंशा से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुझे भी बुलाया था। इससे मैंने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया था। मैं आज भी बीजेपी में हूं। इसमें कोई दुविधा या भ्रम नहीं होना चाहिए। मैंने चुनाव जीतने के तुरंत बाद बीजेपी को सरकार बनाने के लिए अपना समर्थन दिया था।