मुंबई

Published: Jul 12, 2021 01:01 AM IST

Black Fungusमुंबई में ब्लैक फंगस का खतरा टला, 436 व्यक्तियों को अस्पताल से मिली छुट्टीमुंबई में सिर्फ 70 एक्टिव मरीज

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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मुंबई. मुंबई (Mumbai) में कोरोना की दूसरी लहर के रफ्तार पकड़ते ही ब्लैक फंगस (Black Fungus) ने भी जोर पकड़ लिया था। कोरोना की रफ्तार थमते ही मुंबई में ब्लैक फंगस का खतरा भी टल गया है। राज्य (State) में इलाज के लिए भर्ती (Admitted) 804 मरीजों में से 436 मरीजों को  अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, 212 सक्रिय मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मुंबई में ब्लैक फंगस के सिर्फ 70 एक्टिव मरीज (Active Patients) रह गए हैं।

ब्लैक फंगस ने दिखा दिया कि आंख, नाक और मस्तिष्क पर हमला करने वाले फंगल रोग भी जीवन के लिए खतरा हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाले स्टेरॉयड टोसिलाजुमैब का ओवरडोज बीमारी का कारण बनता है। ब्लैक फंगस के मरीज मिलने के बाद  बीएमसी ने टास्क फोर्स द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार व्यवस्था तैयार की थी। ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज बीएमसी के केईएम, नायर, सायन और कूपर अस्पताल समेत निजी अस्पतालों में चल रहा है। बीमारी के इलाज के लिए इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी, लैपोसोम और टैबलेट पॉसोकोनाजोल का इस्तेमाल किया जा रहा है। अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर नाक और आंखों की सर्जरी कर संक्रमण को दूर किया जा रहा है और इलाज में मरीजों का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। उन्होंने बताया कि मुंबई में इलाज करा रहे 30 फीसदी मरीज ही मुंबई के हैं।

ऐसे है मौजूदा हालात

 बरते सावधानी

ब्लैक फंगस होने के बाद आंखों में खुजली होने, लाल होने, सूजन और दर्ज के अलावा नाक से दुर्गर्ध आने जैसे लक्षण दिखते हैं तो सावधान हो जाना चाहिए। तुरंत डॉक्टरों की सलाह से इलाज कराना चाहिए। बीएमसी अपील किया है कि लोगों से अपनी सेहत का ध्यान रखने की अपील की है।