मुंबई

Published: Nov 20, 2023 01:57 PM IST

BMC Cloud Seeding15 दिसंबर से कृत्रिम वर्षा, जानिए कितना होगा खर्च

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
सांकेतिक तस्वीर

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में बढ़ते प्रदूषण (Air Pollution) को देखते हुए कृत्रिम वर्षा (Cloud Seeding) के जरिये प्रदूषण से निपटने का प्लान बनाया गया है और खबर यह है कि 15 दिसंबर (December) से कृत्रिम वर्षा की प्रक्रिया (Preparation) शुरू हो जाएगी। कुछ समय पहले ये पहल दिल्ली में की गई थी। महाराष्ट्र और मुंबई में इससे पहले कृत्रिम वर्षा कराई गई है। ऐसे में मुंबई मुंबई महानगर पालिका (BMC) के पास कृत्रिम वर्षा का अनुभव है। लेकिन मुंबई में कृत्रिम वर्षा कब होगी और इस पर कितना खर्चा (Cost) आएगा उस पर बीएमसी के अधिकारी ने जानकारी साझा की है।   

15-20 दिनों में सारी प्रक्रिया होगी पूरी 
बढ़ती प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए मुंबई महानगरपालिका 15 दिसंबर से मुंबई और आसपास के इलाकों में कृत्रिम वर्षा करने जा रही है। मुंबई महानगर पालिका के एडिशनल कमिश्नर सुधाकर शिंदे ने बताया कि संबंध में अगले सप्ताह टेंडर जारी किया जाएगा। अगले 15 से 20 दिनों में क्लाउड सीडिंग के लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी। 15 दिसंबर के बाद मुंबई में कृत्रिम वर्षा की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 

दुबई की टीम से ली जा रही है मदद  
हालांकि कृत्रिम वर्षा में थोड़ा समय जरूर लगेगा, लेकिन उम्मीद है कि दिसंबर में अधिक प्रदूषण वाले क्षेत्र में कृत्रिम वर्षा होगी। जिससे मुंबई का प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी और शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार आएगा। सुधाकर शिंदे ने कहा कि दुबई में अक्सर कृत्रिम बारिश का प्रयोग किया जाता है। हम उनके संपर्क में हैं कृत्रिम बारिश के लिए आवश्यक वातावरण, समय, स्थान निर्धारण, मौसम और बादल को देखने के बाद ही उसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है। 

40 से ₹ 50 लाख रुपए तक का खर्च
इस प्रक्रिया में तीन से चार घंटे का समय लग सकता है। मुंबई में क्लाउड सीडिंग का प्रयोग सफल होने पर अगले 15 दिनों तक प्रदूषण की समस्या से राहत मिलेगी। इस प्रयोग पर एक बार में 40 से ₹ 50 लाख रुपए तक का खर्च आता है। शिंदे ने आगे कहा कि दुबई में कृत्रिम वर्षा के प्रयोग लगातार किए जाते हैं। ऐसे में वहां आने वाला खर्च यहां के मुकाबले कम होता है। बृहन मुंबई महानगरपालिका का प्रशासनिक विभाग लगातार दुबई के विशेषज्ञों के संपर्क में है।