मुंबई

Published: Apr 03, 2023 06:18 PM IST

Electricity Bill Hikeबिजली बिल बढ़ोतरी पर भड़के व्यापारी संगठन, छोटे उद्योगों को मुंबई से बाहर ले जाने की दी धमकी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: महाराष्ट्र राज्य बिजली विभाग द्वारा दरों में वृद्धि का मामला टूल पकड़ने लगा है। कई व्यापारी संगठनों से इस वृद्धि दर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धमकी दी है कि अगर सरकार ने अपना ये फैसला वापस नहीं लिया तो वो अपने उद्योग यूनिट को राज्य से बाहर ले जाने को मजबूर हो जाएंगे। महाराष्ट्र राज्य वीज ग्राहक संगठन ने विद्युत नियामक आयोग के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती देने का भी ऐलान किया है।

संगठन के अध्यक्ष प्रताप हेगड़े के अनुसार विद्युत नियामक आयोग ने इस वृद्धि दर राशि की वसूली के लिए पहले साल 7.25  प्रतिशत और दूसरे वर्ष में 14.75  प्रतिशत की मंजूरी दी है, जो ग्राहकों के साथ सरासर अन्याय है। बिजली कंपनियां अपनी गलतियों और अनियमितता का बोझ ग्राहकों पर जबरन  थोपना चाहती हैं।‌ महावितरण कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में 67.644 करोड़ रुपए के घाटे को कवर करने के लिए औसतन 37 प्रतिशत यानी 2.55  रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि का प्रस्ताव दिया था।

बता दें कि महावितरण कंपनी की दरें पहले से देश में सबसे अधिक हैं। राज्य की अन्य बिजली कंपनियों का भी यही हाल है। इस सामान्य वृद्धि के कारण पहले से ही खस्ताहाल उद्योग-धंधों की हालत और भी ख़राब हो सकती है। व्यापारी संघ कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने बिजली दर वृद्धि के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने के लेकर एक लिखित ज्ञापन देते हुए चेतावनी दी कि आगे हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो हमें भी कड़े कदम उठाने पड़ेंगे। 

व्यापारी महेश बखाई ने बताया कि सरकार के इस कदम से छोटे उद्योगों को अन्य राज्य में स्थानांतरित करने या बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। पहले से विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त व्यापारियों को नई समस्या नहीं देने का आग्रह किया गया था। लेकिन इसे नजरअंदाज कर व्यापारियों और आम नागरिकों के साथ अन्याय किया गया है।