मुंबई

Published: Dec 17, 2020 09:50 PM IST

किसान कानूनमहाराष्ट्र में किसानों के लिए रक्षा कवच

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

मुंबई. केंद की मोदी सरकार के किसान कानून (Farmers law) के खिलाफ चल रहे विरोध के बीच महाराष्ट्र में किसानों को अलग से सुरक्षा देने के लिए ठाकरे सरकार ने अपनी कवायद तेज कर दी है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) की अध्यक्षता में एक ख़ास बैठक हुई, जिसमें राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात (Revenue Minister Balasaheb Thorat) व खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) समेत कई मंत्री मौजूद थे।

ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र के किसानों के हित के लिए अलग से कानून बनाने को लेकर उपमुख्यमंत्री पवार की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। मीटिंग ख़त्म होने के बाद उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ एक मीटिंग में किसानों से जुड़े सारे सवालों का सुलझाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस बारे में समिति की आगे भी मीटिंग होगी, जिसके बाद सभी सुझावों की समीक्षा के बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) के पास भेजा जाएगा।

अंतिम में इस रिपोर्ट पर कैबिनेट में फैसला लिया जाएगा। पवार ने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन को महाराष्ट्र विकास आघाड़ी में शामिल तीनों दलों (शिवसेना, कांग्रेस व राकां ) ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों के भारी विरोध को देखते हुए केंद्र सरकार को तुरंत इस कानून को रद्द कर देना चाहिए।  

महाराष्ट्र के किसानों की करेंगे सुरक्षा  

राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि केंद्र का कानून किसानों के हित में नहीं है। ऐसे में इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र के कानून से हम महाराष्ट्र के किसानों का नुकसान नहीं होने देंगे। थोरात ने कहा कि हम महाराष्ट्र के किसानों की सुरक्षा के लिए मजबूत कानून बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरज पर हो कानून

निजी वजहों के चलते कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण इस मीटिंग में भाग नहीं ले सकें, लेकिन उन्होंने एक पत्र लिख कर राज्य के किसानों के हित में कानून बनाने के लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार अहम सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने केंद्र के कृषि कानूनों के कारण होने वाले नुकसान को रोकने के लिए अच्छे कानून बनाए हैं। उसी तर्ज पर महाराष्ट्र में कानून बनाए जाने चाहिए। चव्हाण ने कहा कि इससे किसानों व उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

चव्हाण ने कहा कि कृषि वस्तुओं की बिक्री व खरीद के लिए किसानों की सहमति आवश्यक होनी चाहिए। किसानों के साथ धोखाधड़ी व उत्पीड़न के मामले में नागरिक अदालत में मुकदमा चलाने का अधिकार मिलना चाहिए। सुझावों में व्यापारियों को असीमित कृषि वस्तुओं के भंडार से रोकना और कृषि लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से पारदर्शी नीलामी और ऑनलाइन भुगतान की सुविधा प्रदान करना शामिल है।