मुंबई

Published: May 03, 2021 04:45 PM IST

Phone tapping case:प्राथमिकी के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचीं आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला (Rashmi Shukla) ने कथित फोन टैपिंग (Phone Tapping) और पुलिस (Police) तबादलों से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज लीक किये जाने के मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के खिलाफ सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया। शुक्ला के अधिवक्ता समीर नांगरे ने याचिका पर अविलंब सुनवाई की अपील करते हुए कहा कि 1988 कैडर की वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को इस मामले में गिरफ्तार किये जाने की आशंका है। नांगरे ने अदालत से अनुरोध किया कि वह पुलिस को शुक्ला के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दे।

याचिका में आरोप लगाया गया है, ”प्रशासन की मंशा याचिकाकर्ता को झूठे और मनगढ़ंत मामले में फंसाने की है।” शुक्ला फिलहाल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दक्षिण जोन की अतिरिक्त महानिदेशक के तौर पर हैदराबाद में तैनात हैं। महाराष्ट्र के खुफिया विभाग की शिकायत पर मुंबई के बीकेसी साइबर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ अवैध रूप से फोन टैपिंग और गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में सरकारी गोपनीयता कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह कथित फोन टैपिंग उस समय हुई थी, जब शुक्ला राज्य की खुफिया विभाग की प्रमुख हुआ करती थीं।

भाजपा (BJP) नेता देवेन्द्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने पुलिस तबादलों में कथित भ्रष्टाचार को लेकर कथित रूप से शुक्ला द्वारा तत्कालीन पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र का हवाला देते हुए इस मामले का खुलासा किया था। इस पत्र में टैप की गईं उन कॉल की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था।

महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shivsena) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं ने आरोप लगाया था कि शुक्ला ने बिना अनुमति के फोन टैप किये। प्राथमिकी दर्ज किये जाने से पहले महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ( Chief Minister Uddhav Thackeray) को सौंपी गई एक रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि ऐसा प्रतीत होता है कि शुक्ला ने खुद ही वह गोपनीय रिपोर्ट (फडणवीस के साथ) साझा की।