मुंबई

Published: Mar 24, 2022 03:51 PM IST

Marathi Language Mandatoryमहाराष्‍ट्र : ठाकरे सरकार का फैसला, अब सभी नगरीय निकायों में मराठी में होगा कामकाज, प्रस्‍ताव को दी मंजूरी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा ने राज्य सरकार द्वारा स्थापित नगर निकायों और निगमों समेत स्थानीय प्राधिकारियों के आधिकारिक कामकाज में मराठी भाषा (Marathi Language) के इस्तेमाल को अनिवार्य बनाने वाले विधेयक को गुरुवार को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी।  राज्य के मंत्री सुभाष देसाई (Subhash Desai) ने कहा कि महाराष्ट्र राजभाषा अधिनियम, 1964 के कारण इस विधेयक को पेश करना आवश्यक था क्योंकि उसमें स्थानीय अधिकारियों के लिए अपने आधिकारिक कार्यों में मराठी ((Marathi) का उपयोग करना अनिवार्य नहीं था। उन्होंने अधिनियम में प्रावधान की कमी का ”लाभ” लेने वाले अधिकारियों के उदाहरणों का भी हवाला दिया।

देसाई ने कहा कि हमने उस गलती को दूर करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी (स्थानीय) प्राधिकरण, चाहे वह राज्य सरकार या केंद्र सरकार या (राज्य द्वारा संचालित) निगमों द्वारा स्थापित हो, उसे जनता के साथ संवाद करते समय तथा कार्यों में भी मराठी का उपयोग करना होगा मंत्री ने यह भी कहा कि विदेशी राजदूतों के साथ संवाद करने जैसे कुछ सरकारी कार्यों के लिए स्थानीय अधिकारियों को अंग्रेजी या हिंदी के उपयोग की अनुमति दी गई है। 

बीजेपी विधायक योगेश सागर ने कसा तंज, कहा- मराठी के प्रति प्रेम” क्यों उमड़ पड़ा 

इससे पहले बीजेपी विधायक योगेश सागर ने विधेयक पर अपनी बात रखते हुए पूछा कि चुनाव नजदीक आते देख ”मराठी के प्रति प्रेम” क्यों उमड़ पड़ा है? वह आगामी स्थानीय निकाय चुनावों का जिक्र कर रहे थे, जिसमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव भी शामिल है। सागर ने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि सभी कामकाज मराठी में होने चाहिए। 

सुभाष देसाई ने किया पलटवार

देसाई ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि इस मुद्दे को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि क्या हमें अपने कर्तव्यों का निर्वहन सिर्फ इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि चुनाव नजदीक हैं? विधेयक लाना हमारा अधिकार है। चुनाव होते रहेंगे।