मुंबई

Published: May 14, 2021 08:05 AM IST

MMRDAएमएमआरडीए करेगा मेट्रो-1 का अधिग्रहण, रिलायंस इंफ़्रा छोड़ेगी हिस्सेदारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई. घाटकोपर (Ghatkopar) से वर्सोवा (Versova) के बीच संचालित हो रही मुंबई (Mumbai) की पहली मेट्रो (Metro) के अधिग्रहण की तैयारी  मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) कर रही है। एमएमआरडीए की कार्यकारी कमिटी ने मेट्रो लाइन-1 के पूर्ण आकलन के लिए एक कंसल्टेंट की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। 

बताया गया कि भारी घाटे में चल रही अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी आर-इंफ्रा ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर मुंबई मेट्रो वन प्राइवेट लिमिटेड (एमएमओपीएल) में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए कहा था। लगभग 11.5 किलोमीटर लंबी मुंबई की पहली मेट्रो-1 लाइन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर बनाई गई। यह वर्ष 2014 से चल रही है। आर-इंफ्रा की एमएमओपीएल में 69% हिस्सेदारी है,जबकि एमएमआरडीए के पास 26% और 5% हिस्सा ट्रांसदेव के पास है। एमएमआरडीए आयुक्त आर. ए. राजीव के अनुसार दूसरे सबसे बड़े हिस्सेदार होने के नाते आर-इंफ्रा की हिस्सेदारी खरीदने का पहला अधिकार एमएमआरडीए का है।   एमएमआरडीए पूरे एमएमआर में सभी मेट्रो लाइनों का निर्माण कर रहा है, इसलिए इसके अधिग्रहण से अन्य लाइनों के संचालन में आसानी होगी। 

2500 करोड़ की मांग

बताया गया है कि आर-इंफ्रा ने एमएमओपीएल में अपनी हिस्सेदारी छोड़ने की एवज में 2,500-2,600 करोड़ रुपये मांगे हैं। एमएमआरडीए नियुक्त सलाहकार कंपनी एमएमओपीएल की सभी परिसंपत्तियों का आकलन कर अगले तीन-चार माह में रिपोर्ट देगी। कंसल्टेंट एजेंसी की रिपोर्ट पर ही एमएमआरडीए  आर-इंफ्रा को दी जाने वाली राशि पर अंतिम निर्णय लेगा। उल्लेखनीय है कि मेट्रो 1 के किराए आदि को लेकर  एमएमआरडीए और एमएमओपीएल के बीच विवाद होता रहा है। 

 

परिचालन में नुकसान का दावा

मेट्रो-1 के परिचालन में नुकसान का दावा करते हुए कई बार किराए में बढ़ोतरी की मांग भी की जाती रही है। पहले मेट्रो वन की मूल परियोजना लागत  2,356 करोड़ रुपये थी, परंतु लागत में 1,935 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का दावा किया गया। एमएमओपीएल ने मेट्रो-1 के परिचालन में रोज लगभग 90 लाख रुपये के नुकसान का भी दावा किया था।