मुंबई. कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) में घटते-बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार ने 30 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) बढ़ा दिया है। ऐसे में इसका असर मुंबई (Mumbai) की ‘लाइफ लाइन’ कही जाने वाली लोकल ट्रेनों (Local Trains) पर पड़ रहा है। अत्यावश्यक कर्मचारियों के लिए ही चलाई जा रही मुंबई लोकल में भीड़ काफी कम हुई है, हालांकि बड़ी संख्या में लोग फेक आईडी बना कर भी यात्रा कर रहें हैं। बताया गया कि मुंबई में लगे सख्त लॉकडाउन के बाद मध्य व पश्चिम रेलवे की लोकल में यात्रियों की संख्या घट कर 6.50 लाख से 7 लाख हो गई है।
इस समय मध्य रेलवे की लोकल से लगभग 4 लाख लोग यात्रा कर रहे हैं,जबकि पश्चिम रेलवे पर 2।75 से 3 लाख लोग यात्रा कर रहे हैं। ‘ब्रेक द चेन’ के तहत लॉकडाउन बढ़ने के साथ आम लोगों के लिए अभी लोकल का इंतजार और बढ़ गया है। वकीलों, पत्रकारों और सहकारी बैंकों के कर्मचारियों को भी सरकार ने लोकल यात्रा की इजाजत नहीं दी है।
पकड़े जा रहे अवैध यात्री
मुंबई लोकल में रोक के बावजूद बड़ी संख्या में लोग यात्रा कर रहें हैं। मध्य व पश्चिम रेलवे का टिकट चेकिंग स्टॉफ के माध्यम से जांच में रोजाना सैकडों लोगों को अवैध यात्रा करते पकड़ा जा रहे हैं। लॉकडाउन में भी दुकानें,सब्जी मार्केट और अन्य प्रतिष्ठानों को सबेरे 11 बजे तक खोलने की इजाजत दी गई है। इसके चलते बड़ी संख्या में आम लोगों को भी अपने काम के लिए निकलना पड़ता है। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके पास अभी तक तीन महीने का पास है,वे भी मजबूरन लोकल में यात्रा कर रहे हैं। सीएसएमटी, दादर, घाटकोपर, चर्चगेट, मुंबई सेंट्रल, बोरीवली सहित कुछ बड़े स्टेशनों के मुख्य द्वार पर सुरक्षाकर्मी यात्रियों का आईडी चेक करते हैं, जबकि छोटे स्टेशनों पर कोई जांच नहीं हो रही है।
चल रही 2692 लोकल
मध्य रेलवे पर 1392 और पश्चिम रेलवे पर 1300 लोकल चलाई जा रही है। जो कुल लोकल संचालन की लगभग 80 प्रतिशत है। मध्य रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार के अनुसार राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार लोकल चलाई जा रही है। पीक आवर में लोकल में भीड़ नजर आ रही है। सुरक्षा में तैनात आरपीएफ-जीआरपी द्वारा स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की नियमित जांच की जा रही है।
मेट्रो, मोनो में यात्री कम
लोकल ट्रेन के साथ मेट्रो, मोनो और अन्य सार्वजनिक यातायात के साधनों से सिर्फ अत्यावश्यक कार्य में लगे लोगों को चलने की इजाजत दी गई है। पूर्ण लॉकडाउन शुरू होने पर मेट्रो, मोनो में भी यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है।