मुंबई

Published: Oct 22, 2022 08:29 PM IST

Maharashtra Politicsमोदी सरकार का 'रोजगार मेला' सिर्फ एक इवेंट: अतुल लोंढे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई:  महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे (Atul Londhe) ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार 75 हजार लोगों को नौकरी (Job) देने का दावा कर अपने इस इवेंट का जम कर ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) दिए गए हैं, उनकी परीक्षाएं डेढ़ से दो साल पहले हुई थी, लेकिन इन  नियुक्तियों को जानबूझ कर होल्ड पर रखा गया था। ताकि हिमाचल प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर इस मेगा इवेंट का आयोजन किया जा सके।

लोंढे ने कहा कि मोदी सरकार की कोशिश देश में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ गुस्से को कुछ कम करने की है, लेकिन देश की जनता समझदार है। वह इस तरह के पैतरों को अच्छी तरह से समझती है।  उन्होंने कहा कि मेगा इवेंट के आयोजन में नरेंद्र मोदी और देवेंद्र फडणवीस का हाथ कोई नहीं पकड़ सकता है। 

देवेंद्र फडणवीस पर साधा निशाना

लोंढे ने कहा कि महाराष्ट्र के सीएम रहने के दौरान देवेंद्र फडणवीस ने  72 हजार पदों पर बड़ी भर्ती की घोषणा की थी, लेकिन हकीकत में वह 72 लोगों को भी नौकरी नहीं दे सके थे। उन्होंने कहा कि फडणवीस ने कर्मचारियों की भर्ती नहीं की, बल्कि अन्य दलों के विधायक और सांसद  को तोड़कर बीजेपी में शामिल करने का काम किया। लोंढे ने कहा कि पीएम मोदी और फडणवीस की कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की बढ़ती दर को देखते हुए 75 हजार नौकरियों  ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ के समान है।

45 करोड़ लोगों ने नौकरी की उम्मीद छोड़ी

अतुल लोंढे ने कहा कि 22 करोड़ युवाओं ने श्रम पोर्टल पर नौकरी और रोजगार के लिए पंजीकरण कराया है, जिसमें से केवल 7 लाख को ही नौकरी मिली है। सीएमआईई के मुताबिक, 45 करोड़ लोगों ने नौकरी की उम्मीद छोड़ दी हैं, जबकि केंद्र सरकार के पास कर्मचारियों की 25 लाख पद खाली हैं।