मुंबई

Published: Jan 05, 2022 08:26 PM IST

Mono Railमोनो रेल की आमदनी-अठन्नी खर्चा रुपैया, नॉन फेयर रेवेन्यु बढ़ाने कंसल्टेंट की मदद

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: चेंबूर-वडाला-जैकब सर्कल ट्रैक (Chembur-Wadala-Jacob Circle Track) पर चल रही एमएमआरडीए (MMRDA) की मोनो रेल (Mono Rail) को शुरू से ही यात्रियों का टोटा रहा है। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में लॉकडाउन (Lockdown) के चलते मोनो का घाटा और भी बढ़ गया है। मोनो रेल के घाटे को कम करने के लिए एमएमआरडीए की तरफ से नॉन फेयर रेवेन्यु बॉक्स के आय बढ़ाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति का निर्णय लिया गया है। 

एक अधिकारी के अनुसार, रोजाना मोनो की 60 से 70 ट्रिप में मात्र 7000 लोग ही यात्रा करते हैं। चेम्बूर से जेकब सर्कल तक लगभग 20 किमी के ट्रैक पर सुबह 6.24 बजे से लेकर देर रात को 11.03 बजे तक मोनो दौड़ती है। 300 से ज्यादा का स्टाफ मोनो रेल के संचालन में लगा हुआ है। शुरू में ‘मोनोरेल’ का निर्माण करने वाली लार्सन एंड टुब्रो और मलेशिया की कंपनी मोनो का संचालन कर रही थी। दिसंबर 2018 के बाद से ही एमएमआरडीए के परिवहन और संचार विभाग के अधिकारियों द्वारा मोनो रेल का संचालन हो रहा है। 

खर्च ज्यादा,आय कम

इस मार्ग पर यात्रियों की संख्या ज्यादा न होने और खर्च अधिक होने इसके संचालन और रखरखाव पर असर पड़ता रहा है। हालाकि एमएमआरडीए 2023 तक 10 नए रेक मंगाने वाला है। ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को आकर्षित करने प्रयास चल रहा है। बताया गया कि एमएमआरडीए ने 2021-22 में 29.25 करोड़ रुपए का लक्ष्य बनाया है, लेकिन अब बिना नॉन फेयर रेवेन्यु बॉक्स के आय बढ़ाना मुश्किल है। एमएमआरडीए अब मेट्रो स्टेशनों की तरह मोनो स्टेशनों से  गैर किराया राजस्व के रूप में अतिरिक्त आय प्राप्त करना चाहता है।

खर्च करेगी 30 लाख 

इसके लिए 30 लाख रुपए खर्च कर कंसल्टेंट की नियुक्ति की जाएगी। कंसल्टेंट कंपनी मोनो में यात्री संख्या बढ़ाने के साथ साथ एनएफबी रेवेन्यु के विभिन्न साधनों का पता लगाएगी।