मुंबई

Published: May 02, 2023 09:47 PM IST

Maharashtra Newsमहाराष्ट्र में बढ़ी बाघों की संख्या, पेंच टाइगर रिजर्व देश की शीर्ष 10 प्रोजेक्टस में

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में वन्यजीवों के प्रभावी प्रबंधन के कारण राज्य के छह टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) और बाहरी वन्य जीव संरक्षित क्षेत्रों में बाघों सहित जंगली जानवरों की संख्या में वृद्धि हुई है। भारतीय बाघ गणना 2022 के तहत राज्य में बाघों की संख्या 312 से बढ़कर 390 हो गई है। पेंच टाइगर रिजर्व ( Pench Tiger Reserve) को प्रबंधन के मामले में देश की शीर्ष दस परियोजनाओं में शुमार किया गया है। यह जानकारी मंगलवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) की अध्यक्षता में आयोजित राज्य वन्यजीव बोर्ड की 20 वीं बैठक में दी गई। 

वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार नागपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिए। मुख्यमंत्री के साथ प्रधान सचिव विकास खड़गे, वन विभाग के प्रधान सचिव वेणुगोपाल रेड्डी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) महीप गुप्ता और वन विभाग के अधिकारी शामिल थे। 

राज्य में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी

पिछले चार वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर बाघों की संख्या 2,967 से बढ़कर 3,167 हो गई है। यह वृद्धि 6.74 प्रतिशत है और इसकी तुलना में पिछले चार वर्षों में महाराष्ट्र में बाघों की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हर चार साल में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन की प्रभावशीलता का आकलन किया जाता है। 2022 में हुए इस आकलन में पेंच टाइगर रिजर्व को देश में आठवां स्थान मिला है। 

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को सिफारिश के लिए 19 प्रस्ताव सौंपे 

टाइगर रिजर्व के मूल्यांकन मानक में भी वृद्धि हुई है। बैठक में अभयारण्य और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में टाइगर ट्रेल के साथ विकास परियोजनाओं के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इनमें मुख्य रूप से ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए भूमिगत ऑप्टिकल फाइबर केबल के प्रस्ताव, सड़क परियोजनाओं के प्रस्ताव और अन्य विकास कार्य शामिल थे। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड को सिफारिश के लिए 19 प्रस्ताव सौंपे गए।

महाडेटा वेब पोर्टल का शुभारंभ

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महाडेटा वेब पोर्टल का शुभारंभ किया गया।यह वेब पोर्टल महाराष्ट्र में चल रही अनुसंधान परियोजनाओं के परिणामों के प्रसार के लिए विकसित किया गया है। उपरोक्त अनुसंधान परियोजनाओं में भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा किताबें, जर्नल लेख, तकनीकी रिपोर्ट, एमएससी थीसिस, पीएचडी थीसिस, इंटर्नशिप थीसिस और लोकप्रिय लेख शामिल होंगे।