मुंबई

Published: Jun 24, 2022 09:17 PM IST

Maharashtra Politics Crisisशरद पवार फिर बनेंगे उद्धव ठाकरे के तारणहार, बारिश के बावजूद उद्धव के साथ मंथन

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) में हुई बगावत के बाद पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) बड़ी मुश्किल में हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि ठाकरे को इस सियासी संकट (Politics Crisis) से बचाने में एक बार फिर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) उनके तारणहार बनेंगे। अपनी इसी योजना के तहत शुक्रवार को मुंबई में बारिश के बावजूद शरद पवार अपनी टीम के साथ उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए मातोश्री (Matoshree) पहुंचे। शरद पवार के साथ उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल मौजूद थे। 

सूत्रों के मुताबिक, राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले शरद पवार ने मौजूदा राजनीतिक संकट से उद्धव ठाकरे को बाहर निकालने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है। इसी प्लान पर चर्चा करने के लिए उन्होंने उद्धव ठाकरे के साथ मंथन किया है। बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद उद्धव ठाकरे ने राज्य में सरकार बनाने के लिए शरद पवार की मदद ली थी। वहीं जब एक बार फिर सरकार बचाने के लिए वे संघर्ष कर रहे हैं तो उनकी मदद के लिए पवार आगे आए हैं।

बागी विधायकों को बर्खास्त करवाने का प्लान

सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार की योजना सबसे पहले बागी विधायकों को बर्खास्त करवाने की है। इसी प्लान के तहत शिवसेना की तरफ से विधानसभा उपाध्यक्ष को 16 बागी विधायकों की लिस्ट भेजी गई है। अगर यह योजना कामयाब होती है तो बर्खास्त विधायकों को अपनी विधायकी बचाने के लिए कोर्ट का रुख करना होगा। शरद पवार को कोशिश इस सारे मामले को कानूनी दांव पेंच में उलझाने की है, ताकि इसमें कुछ समय निकल जाए और बागी विधायकों का मनोबल टूट जाए। ऐसा कर एकनाथ शिंदे के गुट को कमजोर किया जा सकता है और बाकी बचे नाराज विधायकों को एक बार फिर शिवसेना में लौटने के लिए विवश किया जा सकता है।

बहुमत का किया था दावा

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को अपने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया था कि अगर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होता है तो महाराष्ट्र आघाड़ी सरकार अपना बहुमत साबित करने में कामयाब रहेगी। इस दलील के पीछे बड़ी कोशिश एकनाथ शिंदे गुट के ज्यादा से ज्यादा विधायकों को अयोग्य ठहराने की है, ताकि फ्लोर टेस्ट में बहुमत सिद्ध करने का आंकड़ा 145 से कम हो जाए और आघाड़ी सरकार आसानी से इस टेस्ट में पास हो जाए।

बागी गुट को कानूनी दांव पेंच में उलझाने की कोशिश

उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का भी दावा है कि आघाड़ी सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है। उन्होंने सरकार बचाने की मुहिम के लिए कानूनी सलाह लेने की बात कही है। जाहिर तौर से आघाड़ी सरकार की कोशिश शिंदे के बागी गुट को कानूनी दांव पेंच में उलझाने की है, ताकि बगावत की पूरी स्क्रिप्ट को फेल किया जा सके।