मुंबई

Published: Mar 03, 2021 01:57 PM IST

निर्देशराज्य में विद्युत उत्पादन के लिए कोयले की कमी, मंत्री ने दिया तीन माह का स्टॉक करने का निर्देश

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

मुंबई. मार्च महीने के पहले सप्ताह में ही पारा ऊपर चढ़ने लगा है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी वैसे-वैसे राज्य में बिजली की मांग भी बढ़ेगी। बिजली का उत्पादन करने वाले थर्मल पावर (Thermal Power) केंद्रों में कोयले (Coal) की कमी दिखने लगी है। जिसको लेकर ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत (Nitin Raut) ने कम से कम तीन महीने का स्टॉक जमा करने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र (Maharashtra) की खदानों से निकलने वाले कोयले को बिजली उत्पादन करने वाली सरकारी कंपनी महानिर्मिति को दिए जाने की मांग वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (Western Coalfield Limited) से की है।

ऊर्जा मंत्री राउत ने कहा है कि बिजली बिल की वसूली नहीं हो पाने की वजह से राज्य में विद्युत आपूर्ति करने वाली महावितरण (Mahavitaran) की आर्थिक अवस्था बहुत ही विकट हो गई है।  यदि जरूरत पड़ेगी तो कर्ज लिया जाएगा, लेकिन कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी। 

बहुत कम हो गया है भंडारण 

ऊर्जा मंत्री के मुताबिक, वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड से हर रोज राज्य को 20 रेक कोयला आपूर्ति अपेक्षित होने के बावजूद महानिर्मिति को हर रोज 13 से 14 रेक कोयला मिल रहा है। उन्होंने कहा कि महानिर्मिति के पास कोयले का भंडारण बहुत कम हो गया है। गर्मी के मौसम में मांग के अनुरूप बिजली उत्पादन के लिए भरपूर मात्रा में कोयले की जरुरत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2019 में कोयले का संकट उत्पन्न हुआ था। 

पत्र व्यवहार करेंगे

उस समय छत्तीसगढ़  के मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री ने निश्चित किया था कि छत्तीसगढ़ राज्य के थर्मल पॉवर संयत्रों की आवश्यकता की पूर्ति के बाद ही दूसरे राज्यों को कोयला दिया जाएगा। जो स्थिति वर्ष 2019 में पैदा हुई थी, वही हालात आज महाराष्ट्र में भी है।  वेस्टर्न कोलफिल्डस लिमिटेड महाराष्ट्र के साथ ही अन्य राज्यों को कोयला आपूर्ति करता है। इसको लेकर मैं खुद वेस्टर्न कोलफील्ड लि. के मुख्य प्रबंध निदेशक से बात करूंगा और पत्र लिखूंगा। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी केंद्रीय कोयला मंत्री से राज्य के खदानों का कोयला राज्य में रहने के संदर्भ में बात करेंगे एवं पत्र व्यवहार करेंगे।