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    मुंबई. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोविड-19 (COVID-19) की स्थिति से निपटने के लिए शिवसेना (Shiv Sena) नीत राज्य सरकार (State Government) द्वारा किए गए उपायों में भ्रष्टाचार (Corruption) हुआ। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने सदन में कहा कि यदि महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने स्थिति से निपटने के लिए सही कदम उठाए होते तो कोविड-19 से होने वाली मौत की संख्या 30,900 कम होती और संक्रमण के 9.55 लाख कम मामले सामने आते। फडणवीस ने केंद्र सरकार के एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए यह कहा।

    स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, एक मार्च तक महाराष्ट्र में संक्रमण के कुल 21,61,467 मामले सामने आ चुके हैं और 52,184 लोग महामारी के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं। विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए फडणवीस ने कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि पुणे की एक युवती की मौत के संबंध में प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिस पर दबाव बना रही है। पुणे की 23 वर्षीय एक युवती की मौत पर महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मचा हुआ है और भाजपा का कहना है कि घटना का संबंध शिवसेना विधायक संजय राठौड़ (Sanjay Rathod) से है।

    राठौड़ ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए वन मंत्री के पद से रविवार को इस्तीफा दे दिया था। फडणवीस ने मामले की जांच कर रहे पुलिस निरीक्षक को निलंबित करने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी दयनीय है कि उसके बारे में बात करना भी व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि युवती की मौत के संबंध में 12 ऑडियो क्लिप मौजूद हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

    फडणवीस ने कहा, “इन सबूतों के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। मैं संबंधित पुलिस निरीक्षक को तत्काल निलंबित करने की मांग भी करता हूं। हमें महाराष्ट्र पुलिस पर गर्व है लेकिन पुलिस इतनी असहाय पहले कभी नहीं थी। पुलिस पर सरकार का इतना दबाव है। घटना के बारे में विवरण मौजूद होने के बाद भी आप प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रहे हैं।”

    शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने कहा था कि फडणवीस को दादरा और नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर की मौत पर भी बोलना चाहिए। इस मुद्दे पर फडणवीस ने कहा कि इसके बारे में भी जरूर बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महामारी को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने जो कदम उठाए उनमें भ्रष्टाचार हुआ।

    पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विदर्भ क्षेत्र के अमरावती में हाल ही में एक गिरोह सामने आया था जहां संक्रमण की पुष्टि न होने बावजूद एक व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमित घोषित कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “नवी मुंबई में 7,800 लोगों को बिना जांच किए कोविड-19 से संक्रमित घोषित कर दिया गया था। “फडणवीस ने कहा कि राज्य में लगातार कोविड-19 की कम जांच की जा रही है।” उन्होंने कहा, “कोविड-19 के दौरान भी भ्रष्टाचार था।” (एजेंसी)