देवला: देवला (Deola) तहसील के पूर्वी हिस्से में सूखे की गंभीरता बढ़ती जा रही है और पानी की कमी की समस्या गंभीर हो गई है। तहसील में 5 छोटे सिंचाई बांध सूख जाने से उन पर निर्भर 16 गांवों की पेयजल समस्या गंभीर हो गई है। तहसील में छोटे सिंचाई बांध चणकापुर और पुनद के पानी पर निर्भर हैं। 5 छोटे बांधों में से 4 बांध रोटेशन पर निर्भर हैं। रामेश्वर (Rameshwar) का किशोर सागर बांध (Kishore Sagar Dam) पूरी तरह सूख गया है।
इस वर्ष बारिश की कमी के कारण इस बांध पर निर्भर जल आपूर्ति योजनाएं पिछले डेढ़ से दो महीने से बंद हैं क्योंकि फरवरी में पानी की आपूर्ति समाप्त हो गई है। तहसील में 25 गांवों, 32 बाडों और बस्तियों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। पेयजल प्रवाह चणकापुर दाहिनी नहर के माध्यम से 11 मई को किशोरसागर बांध, रामेश्वर में छोड़ा जाएगा लेकिन अन्य 3 छोटे सिंचाई बांध सूखे रहेंगे और मई में पानी की अधिक गंभीर कमी का सामना करना पड़ेगा।
लघु सिंचाई एवं उसकी योजनाएं
वार्षी पाझर तालाब : खर्डे, वार्षी, रामेश्वर, वाजगाव, वडाला
किशोरसागर : रामेश्वर, गुंजालनगर
करला पाझर तालाब : वाखारी, वाखारवाडी, गुंजालनगर
देवदरा नागीण तालाब : पिंपलगांव
परसुल तालाब : कुंभार्डे, गिरणारे, सांगवी, तिसगाव, वराले, उमराणे, चिंचवे, मेशी, खारीपाडा, दहिवड
चारे की समस्या गंभीर
पानी की कमी के कारण पीने के पानी की समस्या गंभीर हो गई है और जानवरों के लिए पानी और चारा जुटाना मुश्किल हो गया है। पशुपालक किसान प्याज की पत्तियां और चारा ले जाकर पशुओं की भूख मिटा रहे हैं।
पशुओं की संख्या: 77,223
गाय, बैल: 32,984
भैंस, पाडे: 4619
मेंढी, मेंढे : 10,558
बकरी, बकरा : 29,075
डॉ. मिलिंद कुलकर्णी (तहसीलदार, देवला) ने बताया, देवला तहसील में सूखे की स्थिति की पृष्ठभूमि में, कृषि विभाग द्वारा दी गई फसल बुआई के अनुसार अगस्त से सितंबर तक पर्याप्त चारा उपलब्ध है। इसलिए फिलहाल जानवरों को कैंप लगाने की जरूरत नहीं है।