मुंबई

Published: Feb 24, 2022 09:57 PM IST

Maharashtra State Board Exam 2022 12वीं परीक्षा के टाइमटेबल में थोड़ा बदलाव, अप्रैल में होंगे लैंग्वेज के पेपर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

मुंबई: महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड (Maharashtra State Board) ने 12वीं के टाइमटेबल (Exam Time Table) थोड़े बदलाव किए हैं। बोर्ड द्वारा मार्च में ली जानेवाली लैंग्वेज की परीक्षा (Language Papers) अब अप्रैल में ली जाएगी। 5 और 7 मार्च को होने वाली परीक्षा (Exam) अब एक महीने बाद 5 अप्रैल और 7 अप्रैल को आयोजित की गई है।

बोर्ड के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रश्न पत्रिका ले जा रही ट्रैक में नाशिक-पुणे हाईवे पर आग लग गई थी। इस घटना में काफी पेपर खाक हो गए, तो कुछ सड़कों पर पड़े मिले ऐसे में पेपर लीक न हो इसलिए बोर्ड ने परीक्षा को पोस्टपोन करने का निर्णय लिया है ताकि फिर से प्रश्न पत्रिका तैयार करने का समय मिल जाए। 

दो पेपर के तिथि में बदलाव 

बोर्ड ने 5 मार्च को हिंदी, जर्मन और जापानी लैंग्वेज की परीक्षा आयोजित की थी, अब यह परीक्षा 5 अप्रैल को होगी। जबकि 7 मार्च को होनेवाली मराठी, गुजराती, उर्दू, सिंधी, पंजाबी, बंगाली व अन्य लैंग्वेज की परीक्षा अब 7 अप्रैल को आयोजित की गई है। उक्त दो पेपर के तिथि में बदलाव किया गया बाकी परीक्षा के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है। विद्यार्थी इस बात का ध्यान रखे की बोर्ड ने अन्य किसी भी विषय के परीक्षा के टाइम टेबल में कोई बदलाव नहीं किया है।

ऑफलाइन एग्जाम ने बढ़ाई विद्यार्थियों में एंजाइटी !

उधर, बोर्ड के काफी विद्यार्थी इस आस में थे कि इस बार दसवीं और बारहवीं की परीक्षा टल जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब कुछ बच्चों में एंजाइटी (घबराहट) बढ़ रही है क्योंकि कुछ की तैयारी नहीं हुई है तो कुछ विद्यार्थियों की लिखने की आदत छूट गई है तो उन्हें अब दिक्कत हो रही है। शहर के मनोरोग चिकित्सक को के पास कुछ ऐसे ही केसेस आ रहे हैं। कुछ काउंसलिंग तो कुछ को दवाई दे कर ठीक किया जा रहा है। मार्च से 12वीं और अप्रैल से 10वीं की परीक्षा शुरू हो रही है। विद्यार्थियों के पास गिने चुने दिन बचे हैं। परीक्षा ऑफलाइन ही होनी है सरकार और सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कह दिया है। जनवरी तक विद्यार्थियों ने ऑनलाइन पढ़ाई की, इसके अलावा विद्यार्थियों की स्कूलों में होने वाली परीक्षा भी ऑनलाइन हुई है और अधिकतर स्कूलों ने मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन के आधार पर परीक्षा ली है। ऐसे में विद्यार्थियों के लिखने आदत छूट गई है।

बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों की भी काउंसलिंग

मनोरोग चिकित्सक डॉ. अविनाश डिसूजा ने बताया कि विद्यार्थियों सोचा था कि इस बार परीक्षा नहीं होगी इसलिए कुछ ने पढ़ाई कम की तो कुछ को प्रीलिम्स परीक्षा में कम अंक मिले हैं। ऐसे में अब जब उन्हें ऑफलाइन परीक्षा सताने लगी है।  मेरे पास आए विद्यार्थियों में घबराहट, नींद न आना, बुरे सपने आ रहे हैं, कुछ को रोना आ रहा है, कुछ में निराश आदि की समस्या हो रही है। वैसे तो अधिकतर विद्यार्थियों को हम काउंसलिंग कर रहे है, लेकिन जिनमें घबराहट अधिक है उन्हे कुछ दवाइयां भी दी जा रही है। हम बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों की भी काउंसलिंग करते हैं ताकि वो विद्यार्थियों पर दबाव न बनाए।