मुंबई

Published: Jan 21, 2022 10:00 PM IST

Thalassemia Patientsथैलेसिमिया मरीजों को मुफ्त मिलेगा रक्त

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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मुंबई: थैलेसिमिया मरीजों (Thalassemia Patients) और उनके परिजनों के लिए बड़ी राहत भरी खबर आई है। अब एमएमआर (MMR) के निजी ब्लड बैंकों (Private Blood Banks )को उक्त रोग से ग्रसित मरीजों (Patients) के लिए स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल (एसबीटीसी) द्वारा निर्धारित यूनिट ब्लड रिजर्व रखना होगा और जरूरत अनुसार मरीजों या फिर अपने समीप के डे केयर सेंटर पर निशुल्क (Free) भेजना होगा। 

रक्त की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थैलेसिमिया मरीजों को हर 15 दिन में ब्लड की आवश्यकता पड़ती है। नियमानुसार इन मरीजों को निशुल्क ब्लड दिया जाना चाहिए, लेकिन शहर के कई ब्लड बैंक मरीज से पैसे लेते हैं या फिर उन्हें रक्तदाता लाने को कहा जाता है। ब्लड बैंकों का संचालन करनेवाली संस्था एसबीटीसी को इस संबंध में कई शिकायतें भी आई हैं। ऐसे में एसबीटीसी ने मरीज और उनके परिजनों को परेशानी से मुक्त करने के लिए शहर के निजी 2 से 4 ब्लड बैंकों को समीप के थैलेसिमिया ‘डे केयर सेंटर’ के साथ लिंक कर दिया है। 

ब्लड बैंकों को दिया गया निर्देश

ब्लड बैंकों को यह निर्देश दिया गया है कि महीने में 2 बार उन्हे निर्धारित की गई ब्लड यूनिट थैलेसिमिया मरीजों के लिए रिजर्व रख डे केयर सेंटर को भेजना होगा। रक्त भेजने वाले ब्लड बैंक और प्राप्त करनेवाले ब्लड बैंक (डे केयर सेंटर) के बीच समन्वय स्थापित होना चाहिए और दोनों को रक्त के आदान और प्रदान का डाटा रखना होगा।

मरीजों की परेशानी होगी कम

एसबीटीसी के सहायक निदेशक डॉ. अरुण थोरात ने बताया कि हम पिछले कई महीनों से यह गौर कर रहे हैं कि कुछ ब्लड बैंक ही थैलेसिमिया मरीजों को निशुल्क रक्त देते हैं, तो कुछ बहुत कम, तो कुछ पैसे और डोनर की डिमांड करते हैं। मरीजों को इन शर्तों के कारण काफी परेशानी होती हैं, इसलिए हमने सभी निजी ब्लड बैंकों को सरकारी और बीएमसी अस्पताल में मौजूद ब्लड बैंकों के साथ लिंक कर दिया है जहां थैलेसिमिया डे केयर सेंटर भी है। अब हर महीने निर्धारित यूनिट ब्लड निजी ब्लड बैंकों को लिंक किए गए बीएमसी और सरकारी ब्लड बैंकों को देना होगा। यानी मरीज को भागदौड़ लगभग न के बराबर हो जाएगी। मरीजों को रक्त निशुल्क दिया जाएगा और उन्हें डोनर लाने की जरूरत भी नहीं होगी। नियम का पालन नहीं करने वाले ब्लड बैंकों को एसबीटीसी द्वारा एनओसी सर्टिफिकेट रद्द कर दिया जाएगा।

एमएमआर में 2,200 मरीज

एसबीटीसी के अधिकारियों के मुताबिक, एमएमआर में करीब 2,200 थैलेसिमिया के मरीज हैं। इन्हे हर 15 दिन में रक्त चढ़ाना पड़ता है। कई गरीब बच्चों का इलाज बीएमसी और सरकारी अस्पताल के डे केयर केंद्र में उपचार और ब्लड ट्रांसफ्यूजन का कार्य निरंतर जारी रहता है। प्रत्येक निजी ब्लड बैंकों को 10 यूनिट से लेकर 30 यूनिट रक्त रिजर्व रख हर महीने लिंक किए गए ब्लड बैंकों को देना होगा।