मुंबई

Published: Jun 04, 2022 08:22 PM IST

UPSC Results म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के ?, टाइपिस्ट की बिटिया बनी IPS

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

-अनिल चौहान

भायंदर: म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के ? यह लाइन मीरा रोड (Mira Road) निवासी अब्दुल करीम टाक (Abdul Karim Tak) पर एकदम सटीक बैठती हैं। आखिर उनकी बेटी मवीज टाक (Daughter Maveez Tak) संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा जो पास कर ली है और उसका राष्ट्रीय स्तर पर 386वां स्थान रहा है। उसका चयन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में हुआ है, लेकिन वह इससे संतुष्ट नही हैं क्योंकि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) में जाना चाहती हैं। इसके लिए वह दोबारा संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा देंगी।

मवीज के पिता मुंबई उच्च न्यायालय में टाइपराइटर(सेल्फ एम्प्लॉई) हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। उनमें मवीज का दूसरा नंबर है। बाकी दो भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना जाहती हैं। अब्दुल करीम टाक राजस्थान में पाली जिले के फलाना गांव के मूल निवासी हैं। मवीज टाक फालना और मीरा-भायंदर दोनों का गौरव बढ़ाया है। उसकी सफलता से न सिर्फ माता-पिता बल्कि मिनी राजस्थान (भायंदर) भी गदगद हैं। 

मवीज ने मीरा रोड को दी नई पहचान 

मवीज मीरा-भायंदर की पहली बेटी हैं, जो संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास की है। गलत लोगों से नाम जुड़ने के कारण सुर्खियों में रहे मीरा रोड को शहीद मेजर कौस्तुभ राणे, उनकी सैन्य अधिकारी पत्नी कनिका राणे के बाद अब मवीज ने नई पहचान दी है। बेटा-बेटी में फर्क करने वालों को मवीज के पिता से सिख लेनी चाहिए।

तीसरे प्रयास में सफल हुई

मवीज की प्रारंभिक पढ़ाई भायंदर के केंब्रिज हाईस्कूल में हुई। रॉयल कॉलेज (मीरा रोड) से बारहवीं और मुंबई विद्यापीठ से एम.ए. राजनीति शास्त्र किया। तीन साल से दिल्ली के चर्चित जामिया विश्वविद्यालय से संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी कर रही थी और तीसरे प्रयास में सफल हुई। उनकी बड़ी बहन भी आईएसएस की तैयारी कर रही है और इसके लिए दो परीक्षा में प्रयास कर चुकी है। पिता अब्दुल करीम की जिद तीनों बेटियों को आईएस बनाकर देस सेवा में भेजने की है।