नाशिक

Published: Sep 11, 2022 06:12 PM IST

CMV Diseaseकेले की फसल पर सीएमवी रोग का कब्जा, बढ़ी किसानों की चिंता

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

रावेर : जलगांव जिले (Jalgaon District) के रावेर (Raver) तहसील में केले (Banana) की सबसे ज्यादा फसल (Crop) उगाई जाती है। यहां के लगभग सभी किसानों (Farmers) की मुख्य फसल केला ही है। केले की फसल को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी रहने के कारण यहां के किसान इस बात को लेकर सदैव चिंतित रहते हैं कि केले की उपज ठीक तरह से होगी या नहीं। 

केले की फसल को सीएमवी रोग ने घेर लिया

केले की फसल कितनी जोखिम भरी होती है, यह केले का उत्पादन करने वाले किसान अच्छी तरह से जानते हैं। केले की फसल जलवायु परिवर्तन के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होती है। गर्मी अत्यधिक होने की स्थिति में भी फसल पर असर पड़ने की आशंका बनी रहती है। केले की फसल और बिजली की कमी, गर्म हवाओं के कारण केले के बागान सूख जाते हैं, जबकि सर्दी के मौसम में केले के बागानों पर करपा रोग लग जाता है। वर्तमान में केले की फसल को सीएमवी रोग ने घेर लिया है। मानसून के दौरान होने वाली भारी वर्षा, बदरीले मौसम तथा पाला-ओस पड़ने से भी केले के बागान में लगी फसल प्रभावित होती है।   

केंद्र और राज्य सरकारें इसके लिए कड़ा रुख क्यों नहीं ले रही

केले की फसल कीट, रोग नियंत्रण, सीएमवी रोगों पर अभी तक सही शोध नहीं हो पाया है। केले की फसल में लगने वाले सीएमवी रोग के निवारण के लिए दवा भी जल्दी नहीं मिल पाती है। हालांकि वर्तमान में यह कहा जा रहा है कि केले के अनुसंधान, कीट, सीएमवी रोगों से निजात पाने के लिए रामबाण तकनीक विकसित की जा रही है, लेकिन यह तकनीक कब तक अस्तित्व में केले के पौधे आपूर्तिकर्ता कंपनियां, केंद्र और राज्य सरकारें इसके लिए कड़ा रुख क्यों नहीं ले रही हैं। 

विलास ताठे ने विधायक शिरीष दादा चौधरी मामले पर ध्यान देने की अपील की

केला उत्पादकों को इस बात का भ्रम है कि संवेदनशील केले की फसल के मुद्दों को न्यायपालिका के रूप में कब हल किया जाएगा और हाकिम इसे मृत्यु के द्वार पर ले जा रहे हैं। कुछ जानकारों का तो यहां तक दावा है कि केले की फसल कुछ समय के लिए विलुप्त भी हो सकती है, इसलिए केले की फसल को विलुप्त होने से बचाने के लिए केला उत्पादन करने वालों को इसके लिए स्थायी रूप से सार्थक कदम उठाने होंगे। रावेर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष विलास ताठे ने विधायक शिरीष दादा चौधरी को दिए गए ज्ञापन में इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की है।