नाशिक

Published: Jun 01, 2022 04:29 PM IST

Case Registered सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप का मामला दर्ज

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

मालेगांव : तहसील के सायने स्थित ग्रामीणों ने चालीसगांव फाटा परिसर में पुलिस (Police) और दमकल विभाग (Fire Brigade) के कर्मियों को मारपीट कर पथराव किया था, जिसे लेकर 11 ग्रामीणों (Villagers) के खिलाफ सरकारी कामकाज (Government Work) में हस्तक्षेप (Intervention) करने का मामला तहसील पुलिस ने दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई मालेगांव न्यायालय में हुई। दरमियान आरोप सिद्ध न होने के बाद न्यायालय (Court) ने 11 संदिग्ध आरोपियों को निर्दोष बरी किया। 

11 ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज 

बता दे, कि 23 मार्च 2008 को चालीसगांव फाटा परिसर में मालट्रक दुर्घटना में सायने के दो व्यक्तियों की मौत हुई। इसके बाद संतप्त हुए 200 ग्रामीणों ने आग्रा महामार्ग बंद करते हुए मालट्रक को आग लगा दी। इसके बाद मालेगांव तहसील पुलिस और दमकल विभाग घटना स्थल दाखिल होते ही ग्रामीणों ने पुलिस और दमकल विभाग के कर्मियों को मारपीट कर पथराव किया। पुलिस और दमकल वाहन की तोड़फोड़ की। इस मामले में सायने निवासी त्र्यंबक मोतीराम पाटिल सहित 11 ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।  इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त जिला न्या। दि. अ. गौड के सामने आई। 

संदिग्ध आरोपी निर्दोष बरी

संदिग्ध आरोपी की ओर से सुधीर अक्कर ने पैरवी की। उन्हें चेतन जायलवाल, सुरसे, मिश्रा, जयदीप पाथरे, आनंद दायमा आदि का सहयोग मिला। सरकारी पक्ष की ओर से 6 गवाह पेश किए है, लेकिन संदिग्धों के खिलाफ अपराध स्पष्ट नहीं हुआ पाया। इसके चलते न्यायालय सभी संदिग्ध आरोपियों को निर्दोष बरी किया।