नाशिक

Published: Apr 19, 2022 05:24 PM IST

Municipal Elections 2022नाशिक में प्रभाग रचना को लेकर भ्रम की स्थिति, नहीं मिला कोई स्पष्ट शासनादेश

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नाशिक: राज्य सरकार ने जिन महानगरपालिकाओं की समय-सीमा समाप्त होने के बाद चुनाव होंगे, उन सभी महानगरपालिका कमिश्नरों (Municipal Commissioners) को फिर से प्रभाग रचना करने के आदेश दिए हैं, लेकिन कितने सदस्यों का प्रभाग बनाना है, किस तारीख तक उसे अंतिम रूप देना है, इस बारे में स्पष्ट तौर पर कोई जानकारी नहीं देने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।

नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के चुनाव फरवरी में होने की उम्मीद थी, लेकिन चुनाव (Election) नहीं होने के कारण प्रशासक राज लगा दिया गया। नाशिक महानगरपालिका के इतिहास में पहली बार प्रशासक कामकाज देख रहा है। इस बीच, राज्य चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार, एनएमसी प्रशासन ने नाशिक में नगरसेवकों की संख्या 122 से बढ़ाकर 133 कर दी है। राज्य चुनाव आयोग ने इस पर आपत्ति जताते हुए 6 मार्च को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी है। ओबीसी आरक्षण पर विवाद जारी है। यह दावा किया जा रहा है कि ओबीसी समुदाय को आरक्षण मिलने तक कोई चुनाव नहीं होगा। इसी के तहत राज्य सरकार ने हाल ही में नगर आयुक्त को वार्डों के पुनर्गठन के निर्देश दिए हैं। हालांकि निर्देश स्पष्ट नहीं होने से प्रशासन असमंजस में है।

कमिश्नर की भूमिका पर ध्यान केंद्रित

नगर प्रशासन को शासनादेश की प्रति प्राप्त हो गई है। इस पर जल्द ही नगर आयुक्त फैसला लेंगे, चूंकि रमेश पवार ही प्रशासक हैं। इसलिए भ्रम है कि नया ढांचा कैसे बनाया जाए। इसे तीन सदस्यीय या दो सदस्यीय रखा जाए। इसके चलते नगर आयुक्त के फैसलों की ओर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।