नासिक

Published: Jan 31, 2023 06:28 PM IST

Crisis on Scholarshipइतने लाख छात्रों की स्कॉलरशिप पर संकट, जानिए क्या है मामला

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

नासिक : केंद्रीय मॅट्रिकोत्तर शिष्यवृत्ती योजना (Central Post Matric Scholarship Scheme) के अंतर्गत राज्य के 1 लाख 23 हजार मागासवर्गीय विद्यार्थियों (Undergraduate Students) के शिष्यवृत्ती के आवेदन महाविद्यालयों ने प्रलंबित रखने की बात सामने आई है। 2021-22 इस आर्थिक वर्ष में 4 लाख 23 हजार विद्यार्थियों का शिष्यवृती दी गई है तो आज तक केवल 2 लाख 90 हजार (69 प्रतिशत) आवेदन का ऑनलाइन पंजीकरण (Online Registration) हुआ है। 

केंद्रीय मॅट्रिकोत्तर शिष्यवृत्ती योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाती, प्रवर्ग के विद्यार्थियों के लिए महाडीबीटी के संकेत स्थल पर शिष्यवृत्ती के ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध की गई है। परंतु ऑनलाइन आवेदन भरने और लगातार सूचना देने के बाद भी कई महाविद्यालयों ने समाज कल्याण विभाग के पास विद्यार्थियों के शिष्यवृत्ती के आवेदन जमा नहीं किए है। इसलिए विद्यार्थियों के शिष्यवृत्ती के आवेदन की ओर अनदेखी करने वाले महाविद्यालयों पर अब समाज कल्याण विभाग कार्रवाई करने वाला है। 

महाविद्यालय के पास प्रलंबित 1 लाख 23 हजार आवेदन

अनुसूचित जाती और नव बौद्ध प्रवर्ग के विद्यार्थियों के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मॅट्रीकोत्तर शिष्यवृती दी जाती है। महाडीबीटी संकेत स्थल पर शिष्यवृत्ती के नए आवेदन भरने के लिए अनु. जाति प्रवर्ग के लिए समय समय पर बढ़ोतरी दी गई है। 2022-23 में अनुसूचित जाति और नव बौद्ध संवर्ग के आज तक 2 लाख 90 हजार आवेदनों का ऑनलाइन पंजीकरण हुआ है। इसमें से समाज कल्याण विभाग के पास 1 लाख 42 हजार आवेदन प्राप्त हुए है।  परिणामस्वरूप वहीं आवेदन मंजूर हुए है। 1 लाख 23 हजार आवेदन महाविद्यालयों के पास ही प्रलंबित होने से समाज कल्याण विभाग उस पर काम नहीं कर पाया। 20 हजार आवेदन यह विद्यार्थी स्तर पर प्रलंबित है। क्योंकि उन्होंने महाविद्यालय में आवेदन दाखिल नहीं किया। लाखों विद्यार्थियों ने आज तक केंद्र सरकार शिष्यवृत्ती के लिए पंजीकरण न करने की बात सामने आई है। कुल पंजीकरण हुए आवेदन में से 1 लाख 23 हजार आवेदन महाविद्यालय के पास प्रलंबित है। 

जिला निहाय स्थिति

जिला                              प्रलंबित आवेदन
पुणे                                            14 हजार
औरंगाबाद और नागपुर 10 हजार
नासिक 7 हजार
नगर, नांदेड, अमरावती 4 हजार
अकोला, ठाणे, चंद्रपूर, बीड 4 हजार

अनुसूचित जाति प्रवर्ग के विद्यार्थी शिष्यवृत्ती से वंचित होने पर संबंधित महाविद्यालयों को जिम्मेदार माना जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ. प्रशांत नारनवरे, आयुक्त, समाज कल्याण।