नाशिक

Published: Jan 12, 2022 03:22 PM IST

Nashik कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद जानें क्यों खाली हैं अस्पताल में बेड

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नाशिक : नाशिक (Nashik) में कोरोना (Corona) ने कहर बरसा रखा है। पिछले तीन दिनों में 2284 नए कोरोना मरीज (Corona Patients) मिले है। जिला जनरल हॉस्पिटल (General Hospital) की रिपोर्ट (Report) के अनुसार अब तक जिले में 4 लाख 5 हजार 735 लोग कोरोना से ठीक होकर घर जा चुके है। फिलहाल 5 हजार 344 मरीजों का उपचार चल रहा है। अब तक 8 हजार 765 मरीजों की मौत हुई है। जबकि शहर में 3955 कोरोना मरीज है लेकिन केवल 321 कोरोना मरीज हॉस्पिटल में  उपचार करा रहे है।

तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए नाशिक महानगरपालिका हर दिन 3000 लोगों की टेस्टिंग कर रही है। मौजूदा आंकडे को देखे तो टेस्टिंग की तुलना में संक्रमित होने वालों का आंकड़ा 20.86 प्रतिशत है। यह जानकारी महानगरपालिका के सहायक मेडिकल अधिकारी डॉ. प्रशांत थेटे ने दी है। सवाल यह है कि आखिर नाशिक के लोग हॉस्पिटल और कोविड सेंटर से मुंह क्यों फेर रहे है।

अधिकांश बेड खाली

महानगरपालिका हॉस्पिटल में 8 हजार बेड तैयार है और इसमें 2200 बेड में ऑक्सीजन की सुविधा है। बिटको हॉस्पिटल में ऑक्सीजन वाले सबसे अधिक 650 बेड है। इसी तरह से दूसरे हॉस्पिटल में भी बड़ी संख्या में बेड उपलब्ध है। लेकिन अधिकांश जगहों पर अधिकतर बेड खाली है।

नागरिकों ने क्यों मुंह फेरा

नाशिक में कोरोना संक्रमित अधिकांश नागरिक घर में रहकर ही उपचार कराने को प्राथमिकता दे रहे है। जिन्हें कोरोना हुआ है उन्होंने खुद को घर में क्वारंटाइन कर लिया हैं। आराम कर रहे है। कई लोगों को सार्वजनिक जगहों में रहकर उपचार कराना पसंद नहीं आता है। साथ ही वे प्राइवेट हॉस्पिटल के हजार से लाख रुपए तक के बिल से भी बचना चाहते है। इसलिए कोरोना की तीसरी लहर में अधिकांश मरीज घर में रहकर उपचार कराने को प्राथमिकता दे रहे है।

व्यवस्था की नाकामी

अगर इतनी बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे है और वे हॉस्पिटल में एडमिट नहीं हो रहे है तो इसे व्यवस्था की नाकामी ही कहा जा सकता है। अगर यही स्थिति रही तो घर में उपचार कराने वाले परिवार के अन्य कई लोगों को संक्रमित कर सकते है। बाद में यही संख्या प्रशासन के लिए सिरदर्द बन जाएगा। लोगों में हॉस्पिटल में बेहतर उपचार को भरोसा जगाना होगा।

क्या कहता है आंकड़ा