नाशिक : नाशिक (Nashik) में 51 करोड़ रुपए के घोटाला मामले (Scam Case) में 3 कृषि अधिकारियों (Agricultural Officers) की गिरफ्तारी (Arrested) के बाद उन पर निलंबन की तलवार लटक रही है। उनके कभी भी निलंबित होने की संभावना है। इन अधिकारियों ने किसानों (Farmers) के साथ ही नहीं बल्कि सरकार के साथ भी करोड़ों की धोखाधड़ी की है।
यह एक बड़ा घोटाला है और इसमें कई बड़ी मछलियों के जाल में फंसने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। मालेगांव में अतिवृष्टि के अनुदान वितरण के बाद यह दूसरा बड़ा घोटाला है। इस वजह से प्रशासन के भी पसीने छूट रहे है। नाशिक जिले के 147 किसानों के साथ 16 कृषि अधिकारियों 50 करोड़ 72 लाख 64 हजार रुपए की धोखाधड़ी की है।
कोर्ट ने जांच शुरू करवाई
पेठ तालुका के हेदपाड एकदरे गांव के ठगी के शिकार हुए किसान योगेश सुरेश सापटे ने इस मामले में पेठ के प्रथम वर्ग दंडाधिकारी के कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसने इसके सबूत भी पेश किए। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस से मामले की जांच का आदेश दिया था। कोरोना की वजह से मामले में प्रगति नहीं हो पाई। योगेश ने बताया कि कोरोना की वजह से उसे कृषि कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया।
निलंबन कैसे होगा
कृषि विभाग के घोटाला मामले में पुलिस ने तीन कृषि अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। नियम के अनुसार कोई सरकारी कर्मचारी अगर 24 घंटे से अधिक समय तक गिरफ्तार रहते है तो उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई होती है। ऐसे में इन तीन अधिकारियों को कभी भी निलंबित किया जा सकता है। इस मामले में 16 कृषि अधिकारी फंसे है जिसमें से 3 रिटायर हो चुके है। जबकि एक की मौत हो चुकी है। इनमें से कुछ कर्मचारियों का जिले के बाहर ट्रांसफर हो चुका है।