नाशिक

Published: Feb 21, 2022 05:50 PM IST

Dr. Suvarna Murder Case3.5 करोड़ के लिए हुई थी डॉ. सुवर्णा वाजे की हत्या, नाशिक पुलिस की जांच जारी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नाशिक : नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) की चिकित्सा अधिकारी (Medical Officer) डॉ. सुवर्णा वाजे (Dr. Suvarna Waje) की हत्या (Murdered) न केवल पारिवारिक कलह के कारण हुई है, बल्कि 3.5 करोड़ रुपये के लिए उन्हें बेरहमी से कत्ल (Brutally Murdered) कर दिया गया। इस मामले में डॉ. सुवर्णा वाजे के पति संदीप वाजे (Sandeep Waje) मुख्य संदिग्ध हैं। पुलिस ने उसकी मदद करने वाले एक अन्य संदिग्ध को भी हथकड़ी (Handcuffed) लगा दी है।

डॉ. सुवर्णा वाजे की हत्या को बहुत ही सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है। सुवर्णा की हत्या कर दी गई और उनके शरीर को जला दिया गया। उनके मोबाइल से जानकारी डिलीट कर दी गई। लेकिन पुलिस को मोबाइल से कुछ संदेश मिले हैं और इससे काफी सच्चाई सामने आई है। घटना की रात संदीप और उसके साथी की लोकेशन मौके पर ही मिली थी। डॉ. सुवर्णा वाजे के पति संदीप वाजे के किसी अन्य महिला से संबंध थे। वह पुनर्विवाह करना चाहता था। इसलिए, डॉ. सुवर्णा वाजे उसके लिए एक बाधा थी। संदीप का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर सुवर्णा वाजे जानती थी। उन्होंने संदीप से तलाक लेने के लिए 50 लाख रुपये की मांग की थी। इसके अलावा संदीप ने कुछ जमीन भी बेची थी। इससे उन्हें करोड़ों रुपये मिले थे। इसमें से साढ़े तीन करोड़ रुपये सुवर्णा वाजे को देने पड़ सकते थे और संदीप को यह पैसे सुवर्णा को नहीं देने थे। इसलिए संदीप वाजे ने सुवर्णा की हत्या कर दी। डॉ. सुवर्णा वाजे की मौत हो गई।

पता चला है कि उस दिन पति संदीप से उसकी कुल 14 बार बातचीत हुई थी। वहीं, संदीप के खिलाफ डॉ. सुवर्णा वाजे द्वारा उनके क्लिनिक में लिखा गया एक पत्र मिला है। इसलिए यह मामला काफी प्रमुखता से सामने आया है। डॉ. सुवर्णा वाजे के पति संदीप ने अभी तक कबूल नहीं किया है। वह पुलिस के सामने कुछ नहीं कहता। इसलिए पुलिस के लिए यह सब साबित करना मुश्किल है। डॉ. सुवर्णा वाजे हत्या में संदीप के मौसेरे भाई बालासाहब म्हस्के ने मदद की थी। उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन वह भी जांच में प्रतिसाद नहीं दे रहा है। म्हास्के पर अपनी पत्नी की हत्या का भी आरोप है। 1997 में उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी। 2000 में कोर्ट का फैसला आया था। म्हास्के को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी। लेकिन उसे हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर रिहा कर दिया गया था। पता चला है कि उसने संदीप का सहयोग किया है।