नाशिक

Published: Dec 07, 2021 04:10 PM IST

Nashik Headmasterनाशिक में बिना हेल्मेट चालकों की खैर नहीं, पकड़े जाने पर पुलिस के 20 सवालों का देना होगा उत्तर, नहीं तो ?

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नाशिक : नाशिक के पुलिस कमिश्नर (Nashik Police Commissioner) दीपक पांडेय (Deepak Pandey) प्रधानाध्यापक (Headmaster) की भूमिका में उतरते नजर आ रहे है। इसलिए उन्होंने बिना हेलमेट वाले बाइकर्स के लिए 10-मार्क का टेस्ट लेना शुरू कर दिया है। इस पेपर को हल करते समय भी कई लोगों को नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। इसलिए उन पर दया कर के पुलिस खुद ही उनकी शंकाओं का समाधान कर रही है। साहित्य सम्मेलन का नाटक खत्म होने के बाद अब औद्योगिक शहर में ऐसा अद्भुत प्रयोग जोरों पर है।

नाशिक में अगस्त माह में अलग-अलग हादसों में 9 दोपहिया वाहन चानकों की मौत हो चुकी है। विशेष रूप से, मरने वाले 9 बाइकर्स में से किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। अगर उन्होंने हेलमेट पहना होता तो शायद उनकी जान बच जाती। इस हादसे को रोकने के लिए पुलिस कमिश्नर दीपक पांडे ने स्वतंत्रता दिवस से ही शहर के सभी पेट्रोल पंपों पर नो हेलमेट, नो पेट्रोल अभियान शुरू किया है। उसके बाद पुलिस कमिश्नर ने हेलमेट नहीं पहनने वाले दोपहिया वाहनों की काउंसलिंग शुरू की।  तदनुसार, दोपहिया वाहनों को तुरंत जुर्माने की रसीद नहीं दी गई, बल्कि दो घंटे की काउंसलिंग की खुराक दी गई। इस प्रवचन के बाद परिजनों को प्रमाण पत्र देकर छोड़ा गया। अभियान के बाद यह आदेश दिया गया कि सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में किसी को भी हेलमेट के बिना दाखले की अनुमति नहीं होगी। हेलमेट सख्ती अभियान में अगला कदम अब एक लाइव परीक्षण है।

कानून व्यवस्था पर समान ध्यान दें तो अपराध भी नहीं होंगे

इसमें बिना हेलमेट के एक बाईक चालक पर जुर्माना लगाने के बजाय उसकी जांच होती दिखाई दे रही है। अब तक शहर की परिवहन शाखा की चार इकाइयों ने इन 350 दोपहिया वाहनों में से 10 का परीक्षण किया है। इस टेस्ट में 20 प्रश्नों का प्रश्न पत्र होता है। वहीं दूसरी ओर पुलिस खुद भी बिना हेलमेट के शहर में घूमती नजर आ रही है। सवाल यह है कि उनका क्या? सतर्क नाशिक निवासी पूछ रहे हैं कि क्या ये सभी नियम केवल आम लोगों पर लागू हैं ? पिछले महीने नाशिक में एक ही हफ्ते में तीन हत्याएं हुई थीं। इसमें एक राजनीतिक दल का पदाधिकारी भी शामिल हैं। इस हत्या ने राजनीति में आग लगा दी है। विपक्षी दलों ने कहा है कि वे आगामी विधान सत्र में इसके लिए आवाज उठाएंगे। इसलिए मांग की जा रही है कि यदि पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था पर समान ध्यान दें तो अपराध भी नहीं होंगे।