नाशिक

Published: Sep 29, 2022 07:01 PM IST

Edible Oil Ratesसीमा शुल्क रद्द करने से खाद्य तेल की दरों में गिरावट

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नाशिक : केंद्र सरकार (Central Government) ने खाद्य तेल (Edible Oil) पर वसूल किए जाने वाला सीमा शुल्क (Customs) रद्द (Cancelled) करने से तेल की आयात बढ़ हो गई है। परिणामस्वरूप तेल (Consequential Oil) की दाम गिर गए है।  दो महीने में 20 से 25 प्रतिशत से दाम गिर गए है। रशिया-युक्रेन युद्ध के चलते दिसंबर और जनवरी से खाद्य तेल के दाम आसमान छू रहे थे। तेल की आयात रूकने से दर बढ़ रहे थे। परंतु अब सरकार ने तेल पर वसूला किया जा रहा सीमा शुल्क रद्द किया है। उत्सव के दौरान तेल के दाम गिरने से नागरिकों को लाभ होगा। 

देश में एक साल में 250 टन खाद्य तेल का उपयोग होता है। इसमें से 140 टन तेल आयात किया जाता है। मंडी में आज की स्थिति में मलेशिया अर्जेंटिना इंडोनेशिया से तेल की आयात हो रही है। साथ ही युक्रेन से सूर्यफूल तेल की 20 से 30 प्रतिशत आयात शुरू हो गई है। कुल जरूरत में से 60 प्रतिशत तेल आयात किया जाता है। तो देश के तेल उत्पादना से शेष 40 प्रतिशत जरूरत को पूरा किया जाता है। देश आयात तेल पर अधिक निर्भर है। अन्य खाद्य तेल के दाम गिर गए है, लेकिन मूंगफली तेल के दाम कम नहीं हुए है। चीन में मूंगफली और उसके तेल की निर्यात अधिक मात्रा में हो रही है। महाराष्ट्र और गुजरात से महीने में दो हजार मेट्रिक टन मूंगफली के तेल की निर्यात हो रही है। इसलिए इस तेल के प्रति किलो दाम 180 से 185 रुपए है। 

इस प्रकार है तेल के दाम

तेल   पहले के दाम   आज के दाम
सूर्यफूल                                    180-195 140-145
सोयाबीन                                   155-150 120-125
पामतेल   135-145 100-105
मूंगफली              180-185   180-185 

पिछले 6 महीने से तेल के दाम बढ़ने से विक्री पर परिणाम हुआ। अब सीमा शुल्क रद्द करने से तेल के दाम हर दिन एक से दो रुपए से कम हो रहे है, जो और भी कम होने की संभावना है। – सुदाम कोर, दुकानदार

कोरोना काल में उत्पादन कम हुआ। अब वह बढ़ गया है। साथ ही रशिया-युक्रेन युद्ध का भी परिणाम हुआ। इसलिए आम नागरिकों के जेब से बाहर खाद्य तेल के दाम गए थे। – रवींद्र बधान, व्यापारी