नाशिक

Published: Jun 28, 2022 03:37 PM IST

Mission Zero Drop Outशिक्षा से वंचित बच्चों को खोजने के लिए शिक्षा विभाग का विशेष अभियान

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पिंपलगांव बसवंत : कोरोना महामारी में कई परिवार स्थलांतरित हुए। 3 से 18 उम्र के कई बालक शिक्षा (Child Education) से वंचित (Deprived) होने की बात सामने आई। ऐसे बालकों को शिक्षा के प्रवाह में लाने के लिए शिक्षा विभाग 2 से 20 जुलाई के बीच ‘मिशन झिरो ड्रॉप आऊट’ (Mission Zero Drop Out) अभियान कार्यान्वित करने वाला है। बता दे कि कोरोना महामारी का असर कम होने के बाद शैक्षणिक वर्ष क्षमता के साथ शुरू हो गया है। सार्वजनिक जगह, इटभट्टी, खान, शक्कर कारखाने, मागास और वंचित घटक, गांव-पांडे से शिक्षा से वंचित बच्चों को खोजकर उन्हें शिक्षा के प्रवाह में लाने के लिए शिक्षा विभाग ने ‘मिशन झिरो ड्रॉप आऊट’ अभियान कार्यान्वित करने का निर्णय लिया है।

सोशल मीडिया की मदद ली जाएगी

यह अभियान 5 से 20 जुलाई के बीच कार्यान्वित किया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए राजस्व, ग्राम विकास, नगर विकास, सामाजिक न्याय, विशेष सहाय, महिला और बाल विकास, कामगार विभाग, आदिवासी विकास, अल्पसंख्याक विकास विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य, गृह विभाग, जिला परिषद, पंचायत समिति के अधिकारी-पदाधिकारी, सरपंच, अभिभावक, युवक मंडल को शामिल करते हुए सोशल मीडिया की मदद ली जाएगी। अभियान के दौरान ग्रामपंचायत, नगर परिषद, महानगरपालिका में जन्म-मृत्यू अभिलेख पंजीकरण, परिवार सर्वेक्षण, अस्थायी स्थलांतरित परिवार के बच्चों की जानकारी, शिक्षा से वंचित, अनियमित बच्चे, मूल बस्ती से अन्य बस्ती में स्थलांतरित होने वाले बच्चों को शिक्षा के प्रवाह में लाया जाएगा। अभियान कार्यान्वित करते समय प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षाधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास प्रकल्प अधिकारी की ओर से गांव, केंद्र, बीट, विभाग और स्कूल स्तर पर नियोजन किया जाएगा। इसके लिए जिला और तहसील स्तर पर विभिन्न नोडल अधिकारियों का चयन किया जाएगा। यह जानकारी नाशिक जिला परिषद के माध्यमिक शिक्षाधिकारी डॉ. मच्छिंद्र कदम ने दी। 

‘मिशन जीरो ड्रॉप आऊट’ अभियान को कार्यान्वित करने के लिए निफाड पंचायत समिति के शिक्षा विभाग ने तैयारी की है। वैसे हर साल शिक्षा से वंचित बच्चों को खोजने का कार्य किया जाता है। परंतु दो वर्ष कोरोना के चलते अभिभावक और बच्चों का बड़े तौर पर स्थलांतर हुआ। ऐसे सभी बच्चों को खोजकर अभिभावक और बच्चों का समुपदेशन करने के लिए हर एक गांव और शालेय स्तर पर नियोजन किया है। – (केशव तुंगार, गट शिक्षाधिकारी, पंचायत समिति, निफाड)