नाशिक

Published: Oct 11, 2021 03:39 PM IST

Lakhimpur Violenceछगन भुजबल के विधानसभा क्षेत्र में महाराष्ट्र बंद विफल, बाजार में दुकानें खुलीं

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

येवला. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur Violence) को लेकर मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) के येवला निर्वाचन क्षेत्र के व्यापारियों ने महाविकास अघाड़ी द्वारा घोषित राज्यव्यापी बंद से मुंह मोड़ लिया है। शहर में कई दुकानें खुली (Shops Open) हैं। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में एक केंद्रीय मंत्री के बेटे ने अपने वाहन के नीचे किसानों को बेरहमी से कुचल दिया था। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार किसानों की हत्या के विरोध में केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गई है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रही है।

इसके लिए उन्होंने सोमवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। इसलिए महाविकास अघाड़ी में शिवसेना के साथ एनसीपी और कांग्रेस उम्मीद के मुताबिक जिले में बंद में शामिल हो गए हैं। बंद में एनसीपी विधायक और मंत्री छगन भुजबल के येवला निर्वाचन क्षेत्र को कम प्रतिक्रिया मिल रही है। बाजार में कई दुकानें खुली हैं। येवला में व्यापारियों और दुकानदारों ने महाराष्ट्र बंद को सकारात्मक प्रतिसाद नहीं दिया है।

15 बाजार समितियों में बंद

एशिया में प्याज का प्रमुख बाजार लासलगांव मार्केट कमेटी हड़ताल में शामिल हुआ है। जिले की पंद्रह प्रमुख बाजार समितियां भी हड़ताल में शामिल हो गई हैं। नाशिक कृषि उपज मंडी समिति ने बंद में भाग लेने का फैसला किया है। इसके चलते करोड़ों का कारोबार ठप हो गया है। लोगों से बंद में शामिल होने की अपील करते हुए मार्केट कमेटी के बाहर एक बड़ा सा होर्डिंग लगा दिया गया है। किसानों से आग्रह है कि वे अपनी उपज को बिक्री के लिए न लाएं।

मनमाड में दुकानें बंद

मनमाड वासियों ने सुबह से ही दुकानें बंद कर महाविकास आघाड़ी सरकार के महाराष्ट्र बंद में भाग लिया। बाजार सुबह से ही सुनसान रहा। व्यापारियों ने अपनी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रखकर महाविकास अघाड़ी का समर्थन किया। शहर के लगभग सभी हिस्सों में दुकानें बंद रहीं। इससे कई लोगों के लिए खरीदारी और अन्य लेन-देन करना थोड़ा मुश्किल हो गया।

उद्योग आघाडी का मोर्चे को विरोध

महाविकास अघाड़ी द्वारा आहूत महाराष्ट्र बंद का भाजपा के उद्योग अघाड़ी ने विरोध किया है। उद्योग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप पेशकर ने व्यापारियों से हड़ताल में शामिल नहीं होने की अपील की है। पेशकर ने चेतावनी दी है कि अगर दुकान बंद करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो हम इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर के मामला दर्ज करेंगे। लखीमपुर कांड के विरोध में महाविकास अघाड़ी को आंदोलन नहीं करना चाहिए। कोरोना ने पहले ही व्यापारी वर्ग की हालत खराब कर रखी है। वर्तमान में उत्सव के दिन हैं। पेशकर ने अपील की कि व्यापारियों और उद्यमियों पर दबाव डाले बिना उन्हें व्यापार करने दिया जाए।

किसान संघटना भी बंद से दुर

नाशिक जिले में किसान संघ ने भी लखीमपुर हिंसा के खिलाफ बंद का विरोध किया है। पिछले 70 सालों से किसानों को राजनीतिक सुविधा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह झगड़ा सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच है। किसान संघ के नाशिक जिलाध्यक्ष शंकरराव ढिकले ने आरोप लगाया है कि इसमें किसानों को सूली पर चढ़ाया जा रहा है।