नाशिक

Published: Feb 17, 2022 09:07 PM IST

Nashik-Pune Rail projectनाशिक-पुणे रेल प्रस्ताव अंतिम चरण में, नीति आयोग और कैबिनेट की मंजूरी के बाद महज 3 से 4 महीने में शुरू होगा काम : सांसद हेमंत गोडसे

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नाशिक : एक वर्ष (Year) पूर्व निधि (Fund) के लिए राज्य सरकार (State Government) की स्वीकृति (Acceptance) और इक्विटी (Equity) के माध्यम से उपलब्ध कराई गई धनराशि (Money) के बाद केंद्र सरकार (Central Government) के वित्त आयोग ने हाल ही में नाशिक-पुणे रेलवे के लिए 20 प्रतिशत निधि का 19.5 प्रतिशत स्वीकृत किया है। वित्त आयोग की मंजूरी से नाशिक-पुणे रेलवे की मंजूरी का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। सांसद हेमंत गोडसे ने यह जानकारी दी है।

केंद्र सरकार के वित्त आयोग द्वारा फंड की मंजूरी से नाशिक-पुणे रेलवे की समस्या का जल्द समाधान होने के संकेत मिल रहे हैं। पिछले 5 सालों से सांसद गोडसे मुंबई-पुणे की तरह ही दो शहरों नाशिक और पुणे को रेलवे से जोड़कर विकास का सुनहरा त्रिकोण बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 3 साल पहले रेलवे सर्वे के लिए सांसद गोडसे ने 2 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया था। नतीजा यह हुआ कि अब तक इस रेलवे लाइन का सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। गोडसे के निरंतर प्रयासों से रेलवे बोर्ड के साथ-साथ राज्य और केंद्र सरकार ने नाशिक-पुणे रेलवे लाइन के प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार पहले ही इस रेलवे के लिए 32 करोड़ रुपए के अपने हिस्से को मंजूरी दे चुकी है और 60 प्रतिशत धन इक्विटी से उपलब्ध कराया गया है। लेकिन, पिछले कुछ महीनों से केंद्र की 20 फीसदी हिस्सेदारी लंबित है।

नाशिक-पुणे रेलवे एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो नाशिक-अहमदनगर और पुणे जैसे तीन जिलों को जोड़ेगी। गोडसे द्वारा पिछले कुछ महीनों से केंद्र को अपने फंड के 20 प्रतिशत हिस्से को मंजूरी देने के लिए लगातार प्रयास अब सफल रहा है। इस फंड को मंजूरी देने के वित्त आयोग के फैसले से नाशिक-पुणे रेलवे का प्रस्ताव अंतिम चरण में पहुंच गया है। इसके बाद प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए नीति आयोग और कैबिनेट के पास जाएगा, जिसे अगले 2 महीनों में मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

3 से 4 महीने में परियोजना का वास्तविक काम शुरू हो जाएगा

गोडसे ने कहा कि नीति आयोग और कैबिनेट की मंजूरी के बाद महज 3 से 4 महीने में परियोजना का वास्तविक काम शुरू हो जाएगा। नाशिक-पुणे रेल लाइन को जाने वाली जमीन के मुआवजे की सही राशि को लेकर प्रभावित किसानों के बीच चर्चा चल रही है। रेडिरेकनर की तरह पारिश्रमिक कम होने से प्रभावित किसानों में नाराजगी है। इसे ध्यान में रखते हुए, महाराष्ट्र रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने पिछले 3 वर्षों में ग्राम स्तर की खरीद उर्वरकों के लिए औसत दरों के भुगतान के संबंध में जिला प्रशासन के प्रति अपना सकारात्मक रवैया दिखाया है। इससे संकेत मिले हैं कि प्रभावित किसानों को उनकी जमीन का अपेक्षित मुआवजा मिल रहा है। इस संबंध में महाराष्ट्र रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा आज जिला प्रशासन को पत्र सौंपा गया है।