नासिक

Published: Dec 04, 2022 03:20 PM IST

Hatnur Dam हतनूर जलाशय में केवल 50 प्रतिशत पानी

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

भडगांव : एक ओर जहां धन के अभाव में तापी (Tapi) और गिरणा बांध (Girna Dam) की परियोजनाएं ठप पड़ी हैं। हकीकत है कि यहां की जल परियोजना (Water Project) में पानी का सही तरीके से भंडारण नहीं किया जा रहा है। ‘हतनूर’ जलाशय (Hatnur Reservoir) में क्षमता का 50 प्रतिशत, जबकि गिरणा जल परियोजना में 7 प्रतिशत कीचड़ जमा हो चुका है। इन जल परियोजना का बर्बाद हो रहे पानी को रोकना दूर की बात हो गया है। सवाल यह है कि जलाशय में जमा गाद को कब बाहर निकाला जाएगा। 

यहां के दो प्रमुख जल परियोजनाएं तापी और गिरणा पर जलगांव जिले का सिंचाई निर्भर है, लेकिन बड़ी नदियों पर स्वीकृत की गई परियोजनाएं धन के अभाव में 25-30 वर्षों से लंबित पड़ी हैं, इसलिए हर वर्ष मानसून काल में पानी की बहुत बर्बादी होती है। आंकड़े बताते हैं कि जिन जल परियोजनाओं में पानी रूका हुआ है, वहां भी गाद में फंसी हुई हैं, इसलिए तस्वीर से पता चलता है कि बांध पानी की उपलब्धता के बावजूद पूरी क्षमता से नहीं भर पाया है। 

50 प्रतिशत पानी कीचड़ में बदल जाता है

हतनूर जलाशय की कुल क्षमता 388 डलघमी है, इस वर्ष जलाशय से दस हजार 95 डालघमी पानी ‘ओवरफ्लो’ हो गया। वर्तमान में जलाशय में क्षमता का केवल पचास प्रतिशत पानी है। 100 प्रतिशत भर जाने पर भी जलाशय में वास्तविक जल संग्रहण केवल 50 प्रतिशत ही रहता है, शेष 50 प्रतिशत पानी कीचड़ में तब्दील हो जाता है।गिरणा जलाशय के निचले क्षेत्र में कीचड़ ही कीचड़ नजर आती है। गिरणा जलाशय का संचालन कनरे वालों से मिली जानकारी के अनुसार जलाशय में वर्तमान में सात फीसदी गाद है, जिससे डेड स्टॉक पूरी तरह से कीचड़ में फंस गया है। 

परियोजनाएं धन के अभाव में ठप पड़ी हैं, इसलिए पानी नहीं रुक पा रहा है, इस कारण कमी जल परियोजनाएं पूरी दक्षता के साथ पानी का भंडारण नहीं कर पा रही है, यह एक बहुत बड़ी त्रासदी है, इसलिए कहा जा रहा है कि इन दोनों जल परियोजनाओं में वर्षों से एकत्र गाद को पंप के माध्यम से बाहर निकाला जाए। दोनों जलाशयों लंबे समय से बड़ी मात्रा में गाद जमा होने से पानी भंडारण स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 

गाद जल भंडारण क्षमता को प्रभावित करती है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। हर जल परियोजना की ओर प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी प्रणाली लागू करने की जरूरी है।

- संजय पावड़े, जलश्री संस्थान।
हतनूर परियोजना की जल क्षमता   388 दलघमी
गिरणा जल परियोजना क्षमता 608 डालघमी
हतनूर जल परियोजना में कीचड़ 50 प्रतिशत
गिरणा जल परियोजना में कीचड़ 07 प्रतिशत