नाशिक

Published: Oct 28, 2021 03:52 PM IST

Parambir Singh Controversyपरम बीर सिंह बेनामी संपत्ति मामले में संजय पुनामिया को कोर्ट से तत्काल राहत

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नाशिक : फरार हुए मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर (Mumbai Police Commissioner) परमबीर सिंह (Parambir Singh) की संपत्ति के मामले में  अहम भूमिका निभाने वाले संजय पुनमिया (Sanjay Punmiya) को नाशिक (Nashik) की जिला  (District)और सत्र न्यायालय (Sessions Court) ने राहत देते हुए सुनवाई को 4 सप्ताह के लिए आगे बढ़ा दिया है। नाशिक ग्रामीण पुलिस ने पुनमिया को पुलिस हिरासत में लेने के लिए अदालत से गुहार लगाई है। खास बात यह है कि कोर्ट ने इसे मान लिया है। इसलिए नाशिक पुलिस ने मुंबई पुलिस से संपर्क कर हिरासत की मांग की थी।

पुनमिया फिलहाल एक अन्य मामले में मुंबई में पुलिस हिरासत में है। इस सेल के खत्म होते ही उसे नाशिक ग्रामीण पुलिस को सौंपने की तैयारी चल रही है। इसे देखते हुए पुनमिया ने नाशिक जिला और सत्र न्यायालय में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। अदालत ने उसे तत्काल राहत देते हुए सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है। लेकिन यह समझा जा रहा है कि शिकायतकर्ता नाशिक जिला और सत्र न्यायालय में उसके द्वारा दायर आवेदन पर मुंबई में दायर मामले में हस्तक्षेप करेगा। परमबीर और पुनमिया के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुनमिया के खिलाफ दर्ज किया गया यह बारहवां मामला है। इससे पहले मुंबई के विभिन्न पुलिस थानों में उसके खिलाफ फिरौती लेने, धमकी देने, फिरौती वसूलने और धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। इस बीच, सिर्फ दो दिन पहले, पुनामिया को मुंबई उच्च न्यायालय ने चार सप्ताह की राहत दी है।

परमबीर का दायां हाथ था पुनमिया

पुनमिया को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का करीबी बताया जाता है, जो फिलहाल फरार है और मुंबई में विवादित है। पुनमिया ठाणे जिले का रहने वाला है। उसने सिन्नर तहसील में कई संपत्तियां खरीदी हैं, जिनमें धरणगांव, मीरगांव और पाथरे शामिल हैं। पुनमिया ने अपने बेटे सनी के नाम जमीन भी खरीदी थी। उसके लिए किसान होने का फर्जी प्रमाण जोड़ा गया है। यह सब सिन्नर के माध्यमिक निबंधक कार्यालय में किया गया है जिस पर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया था। चर्चा है कि पुनमिया के सिर पर परमबीर सिंह का हाथ है। उल्लेखनीय है कि परमबीर सिंह ने पुनमिया पिता-पुत्र के नाम पर जमीन खरीदी थी। इस संबंध में अब सिन्नर में भी पास शिकायत दर्ज कराई गई है।

फर्जी दस्वाज़ जोडे गए

पुनमिया ने भूमि खरीद के लिए उत्तन (ठाणे) में खरीदी के लिए बनाए जाने वाले दस्तावेजों को संलग्न किया था। यही उसके लिए कठिन सिद्ध हुए। इनमें से पहले दस्तावेजों की जांच की गई। तब पता चला कि इसमें बाबूलाल अग्रवाल और उनके भाई के सातबारा को जोड़ा गया है। तहसीलदार राजेंद्र चव्हाण ने अन्य दस्तावेजों की जांच की। तब यह स्पष्ट हो गया कि भूमि का स्वामी पुनमिया नहीं था। कुल मिलाकर आरोप है कि पुनूमिया ने खुद फर्जी दस्तावेज जमा कर जमीन खरीदी थी।

सिन्नर में भी फंसा पुनमिया

उल्लेखनीय है कि इसकी शिकायत सिन्नर थाने में दर्ज करायी गई है। नाशिक जिला ग्रामीण पुलिस अधीक्षक सचिन पाटिल ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कहा है कि मुंबई पुलिस की हिरासत खत्म होते ही पुनमिया को हिरासत में ले लिया जाएगा। सचिन पाटिल एक सख्त पुलिस अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। उन के तबादले के को रोकने के लिए हजारों लोगों ने प्रार्थनाऐं की थीं। यह अफवाह थी कि एक विधायक ने उनके तबादले को रोकने के लिए सरकार पर दबाव डाला था। उनके प्रतिस्थापन का भी आदेश दिया गया था। लेकिन नागरिकों के बढ़ते गुस्से और मामला तूल पकड़ने के कारण सचिन पाटिल फिलहाल नाशिक के ही पुलिस अधीक्षक हैं।