नाशिक

Published: Dec 24, 2021 05:10 PM IST

Municipal Elections 2022अपने ही गढ़ में शिवसेना को मिलेगी कड़ी टक्कर, प्रभाग क्रमांक 28 को लेकर विरोधियों ने बनाई रणनीति

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नाशिक : महानगरपालिका चुनाव (Municipal Elections) में अब कुछ ही महीने बचे है। इस चुनाव में शिवसेना (Shivsena) का गढ़ माने जाने वाले सिडको का प्रभाग क्रमांक 28 दांव पर लगा हुआ है। आने वाले समय में शिवसेना को इस गढ़ को बचाने के लिए मनसे (MNS), भाजपा (BJP) सहित कांग्रेस (Congress) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) से बड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है। इन पार्टियों ने शिवसेना को उसी के गढ़ में पटकनी देने की तैयारी शुरू कर दी है। वैसे इस प्रभाग में शिवसेना से चुनाव लड़ने वाले की अच्छी लंबी कतार है। 

इस वार्ड के शुभम पार्क, बंदावणेनगर, निखिल पार्क परिसर, उपेंद्रनगर, महाजन नगर, एकदंत नगर, वावरेनगर, महालक्ष्मी नगर स्वामी नगर, डीजीपी नगर, वृंदावन नगर, सालुंके नगर जैसे भाग न्यूट्रल है। इससे पहले शिवसेना की तरफ से तानाजी फडोल, उत्तम दोंदे, संध्या आहेर ने इस वार्ड का प्रतिनिधित्व किया है। पिछले चुनाव में इस वार्ड से शिवसेना के चार में से तीन नगरसेवक चुनकर आए थे। इसमें मौजूदा नगरसेवक डीजी सूर्यवंशी, दीपक दातीर, सुवर्णा मटाले का नाम शामिल है। इस वार्ड से भाजपा की एकमात्र  महिला प्रतिभा पवार नगरसेविका के रूप में चुनी गई थी। इनमें सुवर्णा मटाले मनसे से जबकि प्रतिभा पवार पहले कांग्रेस में थी। इस बार चुनाव में शिवसेना को टक्कर देने के लिए भाजपा, राष्ट्रवादी, मनसे और कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

गढ़ बचाना बड़ी चुनौती बन सकती है

इसी वार्ड से शिवसेना के पूर्व जिला प्रमुख सुनील बागुल के पोते वे श्रमिक सेना के जिला अध्यक्ष अजय बागुल ने चुनाव की तैयारी शुरु कर दी है। डीजी सूर्यवंशी की दृष्टि से कुछ परेशानी है। पिछले चुनाव में मनसे के शहराध्यक्ष दिलीप दातीर की पत्नी अरुणा दातीर ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें अच्छी वोट मिली थी। इस वजह से इस बार दिलीप दातीर इसी प्रभाग से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे है। हाल ही में उद्यमी याग्निक शिंदे मनसे में प्रवेश किए है और उन्होंने उम्मीदवारी का दावा किया है। इसी वार्ड से कांग्रेस पार्टी से वंदना पाटिल चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। प्रभाग रचना के बाद बहुत सारे राजनीतिक समीकरण स्पष्ट होंगे। बावजूद सेना को इस वार्ड में कई कोणीय टक्कर मिलने की उम्मीद है। ऐसे में शिवसेना को अपना यह गढ़ बचाना बड़ी चुनौती बन सकती है।

सहयोगियों से टक्कर मिलने की उम्मीद

अभी तक माना जा रहा है कि महाविकास आघाडी के तीन दल अलग अलग चुनाव लड़ेंगे। इसकी आधिकारिक घोषणा फिलहाल नहीं की गई है। लेकिन अलग अलग चुनाव लड़ते है तो शिवसेना को कई वार्ड में सीधे टक्कर मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

शिवसेना कर रही प्लान तैयार

बताया जा रहा है कि शिवसेना भी इस चुनौती को समझ रही है, इसलिए पार्टी के सीनियर लेवल के साथ स्थानीय स्तर पर भी प्लान तैयार किया जा रहा हैं। ऐसे में विरोधी दल ये मान कर भी नहीं चले कि शिवसेना को कड़ी चुनौती मिलने का एहसास नहीं है। यही वजह है कि हाल के दिनों में शिवसेना नेताओं का जिले में दौरा बढ़ गया है।