नाशिक

Published: Jul 10, 2021 12:46 AM IST

Bank Account150 रुपए के लिए एक हजार रुपए खर्च कर बैंक खाता खोलने की सख्ती, सरकार अपना निर्णय वापस लें छावा क्रांतिवीर विद्यार्थी सेना की मांग

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

नाशिक. 150 रुपए के लिए छात्रों (Students) को एक हजार रुपए खर्च कर बैंक में खाता खोलने की सख्ती की गई है। इसके चलते अभिभावक (Parents) चिंता में डूब गए है। बैंक खाता खोलना कई अभिभावकों को असंभव है। इसलिए यह निर्णय सरकार से रद्द करने की मांग को लेकर छावा क्रांतिवीर विद्यार्थी सेना (Chhava Krantiveer Vidyarthi Sena) ने शिक्षा उपसंचालक (Deputy Director of Education) को ज्ञापन (Memorandum) सौंपा है। केंद्र के शालेय पोषण आहार योजना द्वारा (School Nutrition Diet Plan) छात्रों को अनाज की आपूर्ति की जाती है। परंतु कोरोना के चलते छात्रों को भोजन देना असंभव है। 

राज्य के प्राथमिक उच्च माध्यमिक जिला हायस्कूल अनुदानित सभी छात्रों को शालेय पोषण आहार योजना के अंतर्गत छात्रों को बैंक खाता में बेनिफिट ट्रांसफर  के माध्यम से रकम जमा की जा रही है।  परंतु दी जाने वाली रकम से बैंक अकाउंट खोलने के लिए अधिक रकम लग रही है। योजना बहुत अच्छी है, लेकिन छात्रों को बैंक अकाऊंट खोलते समय कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में पोषण आहार विभाग से संपर्क करने पर छात्रों के बैंक खाता में कितनी रकम जमा होगी?  इस बारे में जानकारी न होने की बात सामने आई है। 

कुछ समस्या तो कुछ सवाल

नए सीरे से बैंक खाता खोलने के लिए छोटे बच्चों को बैंक/सेवा केंद्र में बुलाया जाता है। छात्रों के बैंक खाता में ही रकम जमा करने की बात की जा रही है।  छात्रों के बैंक खाता में रकम जमा करने के बजाए अभिभावकों के बैंक खाता में पैसे जमा करने की मांग की जा रही है। जीरो  बैलेंस अकाउंट ओपन करने के आदेश सरकार ने बैंकों को देना चाहिए, तभी वह समस्या खत्म होगी। 

छात्रों को बैंक अकाउंट ओपन करने के लिए कहा गया है। वह केवल शालेय पोषण आहार तक ही सीमित है ऐसा नहीं है। सरकार की कई योजना सालभर शुरू रहती है। जब जब रकम आएगी तब तब वह बैंक खाता में जमा की जाएगी, इसलिए भविष्य को ध्यान में रखते हुए अभिभावकों को छात्रों का बैंक खाता खोलना चाहिए।

नितीन उपासनी, शिक्षा उपसंचालक, नाशिक