नाशिक

Published: Apr 17, 2022 06:29 PM IST

Nashikअंधविश्वास दूर करने 'तृतीय रत्न' बहुत प्रभावी: छगन भुजबल

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
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नाशिक:  खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण राज्य मंत्री और नाशिक जिले के पालक मंत्री छगन भुजबल (Guardian Minister Chhagan Bhujbal) ने कहा कि महात्मा फुले (Mahatma Phule) द्वारा लिखित नाटक ‘तृतीय रत्न’ अंधविश्वास की पगड़ी को हटाने में बहुत उपयोगी और प्रभावी होगा। महात्मा फुले द्वारा लिखित नाटक ‘तृतीय रत्न’ (Third Ratna) महात्मा ज्योतिबा फुले, महाराष्ट्र सरकार और नाशिक डिवीजन ऑफ रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (महाज्योति) की ओर से नाशिक के कालिदास कलामंदिर नाट्यगृह में प्रस्तुत किया गया।  

महाज्योति संस्था की ओर से पूरे महाराष्ट्र में जागरूकता फैलाने करने के उद्देश्य से नागरिकों के लिए महात्मा फुले द्वारा लिखित नाटक ‘तृतीय रत्न’ का नि:शुल्क मंचन किया गया है।  इस नाटक का 6वां मंचन नाशिक में हुआ। 

मानवता ही मानव जाति का एकमात्र धर्म

नाशिक जिले के पालक मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि पूर्व में बहुजन समाज के नागरिकों को शिक्षा का अधिकार नहीं था।  महात्मा फुले के प्रयासों के शिक्षा को महत्व मिला।  भुजबल ने कहा कि मानवता ही मानव जाति का एकमात्र धर्म है।  इन विचारों को सभी को अपनाना चाहिए।  महात्मा फुले की लड़ाई अवांछनीय मानदंडों और परंपराओं के खिलाफ थी।  उन्होंने कहा कि महात्मा फुले की पत्नी सावित्रीबाई फुले को भी समाज के उत्थान के लिए सम्मानित किया गया।  उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिराव फुले एक नाटककार भी थे।  उनके द्वारा लिखा गया तीसरा रत्न मराठी में पहला नाटक है और यह समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए लिखा गया पहला नाटक था।  फुले, साहू और अंबेडकर की विचारधारा धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि अन्याय के खिलाफ थी। 

हमेशा ब्राह्मणवाद का किया विरोध

भुजबल ने कहा कि महात्मा फुले ने कभी ब्राह्मणों का विरोध नहीं किया, लेकिन उन्होंने हमेशा ब्राह्मणवाद का विरोध किया।  छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में भी समाज में हर जाति और धर्म के लोग थे और उनकी लड़ाई भी अन्याय के खिलाफ थी।  इन सभी महापुरुषों का कार्य आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहा है। वर्तमान में राजनीति ने धर्म के नाम पर धंधा शुरू कर दिया है।  हर प्राणी जो पैदा होता है वह एक इंसान होता है, लेकिन फिर वह धर्म और जाति व्यवस्था में फंस जाता है। उन्होंने कहा कि महाज्योति द्वारा शुरू किया गया कार्य मनुष्य की मानवता को बनाए रखने के लिए बहुत ही आदर्श है और महाज्योति का लक्ष्य अवश्य ही प्राप्त होगा।  नाटक में नाशिक के एनएबी स्कूल के 25 छात्र और शिक्षक मौजूद रहे।  

नाटक का उठाया लुत्फ

पालक मंत्री छगन भुजबल ने भी ‘तृतीय रत्न’ नाटक का लुत्फ उठाया।  कार्यक्रम में नरहरि जिरवाल सभा के उपाध्यक्ष, प्रो।  दिवाकर गेम, महाज्योति के निदेशक भगवान वीर, उपायुक्त समाज कल्याण, नाशिक सुवर्णा पागर, वरिष्ठ सहायक, नाशिक संभाग, पल्लवी कडू, दिलीप खैरे, अखिल भारतीय राज्य उपाध्यक्ष महात्मा फुले समता परिषद, बालासाहेब कार्डक, नानासाहेब महाले, नगर अध्यक्ष रंजन ठाकरे, जिलाध्यक्ष अधिवक्ता रवींद्र पगार, प्रेरणा बलकवडे, महिला नगर अध्यक्ष अनीता भामरे, जगदीश पवार, सुषमा पगारे, संजय खैरनार, पूर्व संसदीय अधिकारी बीजी वाघ सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्ति बड़ी संख्या में मौजूद रहे।