नाशिक

Published: Nov 07, 2021 05:46 PM IST

Torrential Rainनाशिक में मूसलाधार बारिश की संभावना

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
File Photo

नाशिक : अरब सागर (Arabian Sea) में कम दबाव का क्षेत्र बनने से आज पूरे दिन में नाशिक जिले (Nashik District) में मूसलाधार बारिश (Torrential Rain) का अनुमान है। ऐसे में एक बार फिर सर्दी का प्रकोप जारी है। नाशिक जिले में सितंबर (September) में बारिश हुई थी।

शुक्रवार, शनिवार को ऐन दिवाली पर भी भारी बारिश हुई। जिले में कल सुबह से ही बादल छाए हुए है। दीपावली के बाद ठंड बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन अरब सागर में बने निम्न दबाव के बेल्ट से राज्य में एक बार फिर मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ जिलों में बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने नाशिक, अहमदनगर, पुणे, सातारा, सांगली, कोल्हापुर, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

10 नवंबर तक मूसलाधार बारिश की संभावना है

जिले में 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के साथ तेज बारिश होने की संभावना है। इस बीच, तमिलनाडु, पोंडुचेरी और कराईकल में 10 नवंबर तक मूसलाधार बारिश की संभावना है। केरल और माहे में सोमवार को बारिश होने की संभावना है, जबकि आंध्र प्रदेश और याना के तटीय इलाकों में सोमवार और मंगलवार को बारिश होने की संभावना है। 

मौसम में अचानक बदलाव आया है

कुछ दिन पहले उत्तरी महाराष्ट्र में कड़ाके की ठंड थी। 30 अक्टूबर को, नाशिक में न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि जलगांव में राज्य का सबसे कम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले 23 अक्टूबर को नाशिक में राज्य का सबसे कम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसलिए उम्मीद जताई जा रही थी कि ऐन दिवाली पर ठंड और बढ़ेगी। लेकिन अब मौसम में अचानक बदलाव आया है। अब 9 नवंबर के बाद कड़ाके की ठंड पड़ने की आशंका जताई जा रही है। एक बार फिर नाशिक जिले में बारिश और ठंड के एक साथ बढ़ने की संभावना है।

मौसम परिवर्तन के प्रभाव 

नाशिक निवासी इस साल सितंबर में भारी बारिश से परेशान थे। इसी महीने मनमाड और नांदगांव जैसी जगहों पर दो बार भारी बारिश हुई। साथ ही जिले के सभी बांध भर गए। इस महीने गोदावरी नदी में चार बार बाढ़ आई। आने वाले समय में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। बारिश की तरह, ठंड विनाशकारी हो सकती है। ये सभी जलवायु परिवर्तन के परिणाम है। इसलिए पर्यावरणविद सभी से पर्यावरण संरक्षण के लिए एक कदम आगे बढ़ाने की अपील कर रहे है।