महाराष्ट्र
Published: Mar 16, 2021 10:22 PM ISTAntilia CaseNIA ने अपराध शाखा में वाझे के दफ्तर की ली तलाशी, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद, अन्य पुलिसकर्मियों से पूछताछ
मुंबई. उद्योगपति मुंकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के आवास के पास से विस्फोटक (Explosive) लदे वाहन (एसयूवी) की बरामदगी मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपराध खुफिया इकाई (सीआईयू) कार्यालय की तलाशी ली है। पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को इस आशय की जानकारी दी। केन्द्रीय एजेंसी सीआईयू से जुड़े एक पुलिस अधिकारी से भी पूछताछ कर रही है। निलंबित और इस मामले में 13 मार्च को गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे शहर पुलिस की अपराध शाखा के सीआईयू से संबंद्ध थे। शाखा का दफ्तर दक्षिण मुंबई में पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में स्थित है।
अधिकारी ने बताया कि एनआईए की टीम ने वाजे के दफ्तर की तलाशी के दौरान वहां से कुछ ‘आपत्तिजनक दस्तावेज’ और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जैसे लैपटॉप, आई-पैड और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। उन्होंने कहा कि तलाशी सोमवार शाम करीब आठ बजे शुरू हुई और मंगलवार सुबह चार बजे तक चलती रही।
अधिकारी ने बताया कि एनआईए ने अभी तक सहायक पुलिस आयुक्त सहित अपराध शाखा के सात अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने आज लगातार तीसरे दिन सीआईयू इकाई के सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काजी से पूछताछ की।
गौरतलब है कि अंबानी के मकान के पास कार्मिचेल रोड पर विस्फोटक लदी एसयूवी बरामद होने के दो दिन बाद 27 फरवरी को काजी ने ठाणे जिले के साकेत इलाके में रहने वाले वाजे की हाउसिंग सोसायटी के सीसीटीवी की फुटेज ली थी। अधिकारी ने बताया कि इस वीडियो (डीवीआर) का जिक्र बरामद सामान की सूची में नहीं था और जांच एजेंसी को संदेह है कि यह फुटेज साक्ष्य को नष्ट करने के लिए लिया गया था जिससे वाजे मामले में फंस सकते थे।
व्यावसायी मनसुख हिरेन की पत्नी का आरोप है कि एसयूवी का कुछ समय तक वाजे ने इस्तेमाल किया था। गौरतलब है कि हिरेन ने दावा किया था कि स्कॉर्पियो उनके पास से चोरी हुई थी। हिरेन की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई है। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि काजी ने कथित रूप से फर्जीनंबर प्लेट खरीदी थी, जो एसयूवी से मिली। अधिकारी ने बताया कि अपराध से जुड़े विभिन्न जगहों पर काजी की मौजूदगी के कारण ही वह एनआई की राडार पर हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि 25 फरवरी को कार्मिचल रोड की सीसीटीवी फुटेज में दिखा व्यक्ति भी ‘पुलिस अधिकारी’ है जो अपराध में शामिल है और फॉरेंसिक विश्लेषण में इसकी पुष्टि होगी। अधिकारी ने बताया कि अपराध में प्रयुक्त इनोवा कार सीआईयू इकाई को दी गई थी और 13 मार्च को वाजे की गिरफ्तारी के एक दिन बाद वह मुंबई पुलिस के मोटर परिवहन शाखा में मिली। उन्होंने बताया कि इनोवा दो दिन के लिए मोटर परिवहन शाखा में खड़ी थी और उससे पहले वह पुलिस आयुक्त के परिसर में खड़ी थी। मनसुख हिरन की मौत के बाद एनआईए ने एसयूवी को कब्जे में ले लिया है। विशेष अदालत ने वाजे को 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया है।