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Published: Jul 22, 2022 06:14 PM IST

Pune Universityपुणे यूनिवर्सिटी में 56 फीसदी पद रिक्त, जानें पढ़ाई पर क्या हो रहा असर

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पुणे: पूर्व में ऑक्सफोर्ड (Oxford) के रुप में पहचान बनाने वाले सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (Savitribai Phule Pune University) अब ढलान की तरफ बढ़ रही है। अनुदानित पदों में से 56 फीसदी प्रोफेसर का पद रिक्त है। कई फैकल्टी प्रोफेसर की कमी के कारण कई विभाग बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। यूनिवर्सिटी (University) में अब केवल 14 प्रोफेसर ही बचे है। सहयोगी 35 और सहायक पद पर 120 प्रोफेसर (Professor ) कार्यरत हैं।  

पिछले 12 वर्षों से प्रोफेसर भर्ती बंद होने के कारण इसका दुरगामी असर यूनिवर्सिटी के ग्रेड पर पड़ रहा है। कई फैकेल्टी में रिसर्च की गाइड करने वाले प्रोफेसर की कमी है। कुछ फैकल्टी में एक दो प्रोफेसर हैं, जबकि कुछ विभागों में एक भी प्रोफेसर नहीं हैं।

भर्ती के प्रयास जारी

इस संबंध प्र. कुलगुरु डॉ. संजीव सोनवणे ने कहा कि हमारे पास मंजूर 384 पदों में से 50 फीसदी पद रिक्त हैं। विद्यार्थियों और शिक्षकों के आंकड़ें को देखते हुए तुरंत प्रोफेसर की भर्ती प्राथमिकता है। सरकारी स्तर पर भर्ती को परमिशन मिले इसके लिए हम प्रयास करेंगे। तात्कालिक जरूरत को देखते हुए यूनिवर्सिटी फंड से तत्काल प्रोफेसर की भर्ती मापदंड के आधार पर करने का विचार कर रहे हैं।

क्या हो रहा है असर

रिक्त पदों की वजह से यूनिवर्सिटी 15 वर्ष पीछे चली गई है। प्रोफेसर के रिक्त पदों का भारी असर अगले पांच वर्षों में पता चलेगा। शिक्षा का स्तर गिरेगा, साथ ही रिसर्च को बड़ा झटका लगेगा। प्रोफेसर की लगातार भर्ती होने से फैकल्टी का ग्रेड और रिसर्च की मानसिकता बढ़ती रहेगी।

- डॉ. पंडित विद्यासागर, पूर्व कुलगुरु, स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा युनिवर्सिटी, नांदेड

यूनिवर्सिटी के रिक्त शिक्षकों के पदों पर यूनिवर्सिटी के स्तर पर तत्काल व्यवस्था की गई है। यूनिवर्सिटी को पद भर्ती की परमिशन मिली है। इस संबंध में आगे की प्रक्रिया जारी है।

- डॉ. प्रफुल्ल पवार, कुलसचिव, सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी

प्रिंटेड मार्कशीट देने का भरोसा

पुणे यूनिवर्सिटी ने आज तक सभी डिग्री परीक्षाओं का मार्कशीट प्रिंटेड रुप में विद्यार्थियों को नहीं दिए गए हैं। इस वजह से स्पर्धा परीक्षा, पोस्ट ग्रेजुएशन प्रवेश, फॉरेन एजुकेशन जैसे कई कार्यों में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पुणे यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग के लापरवाह कामकाज के खिलाफ महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना ने पुणे यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग में आंदोलन किया। महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना की मांग के बाद प्रिंटेड मार्कशीट 20 दिनों में प्रिंट करके अगले 7 दिनों में विद्यार्थियों को वितरित किए जाएंगे। इस तरह का लिखित आश्वासन परीक्षा संचालकों की तरफ से दिए गए हैं।