school traffic

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    पुणे: बढ़ते वाहनों की संख्या की वजह से बच्चों को साइकिल या पैदल स्कूल भेजने की हिम्मत अभिभावकों में नहीं है। ऐसे में खुद की बाइक या स्कूल बस (School Bus), वैन से बच्चों को स्कूल भेजना पड़ रहा है। यह संख्या बढ़ने से ट्रैफिक (Traffic) का दबाव काफी बढ़ रहा है। साथ ही सुरक्षित यात्रा की गारंटी भी नहीं है। ऐसे में पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) (पीएमसी) ने विद्यार्थी पूरक ट्रैफिक व्यवस्था और योजना की दिशा में कदम उठाया है। 

    स्कूल जाते और स्कूल से आने के दौरान विद्यार्थियों को प्राथमिकता देते हुए अन्य ट्रैफिक इस भाग में नहीं आएंगे। विद्यार्थी सुरक्षित पैदल चलकर, साइकिल या सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल कर पाए इसके लिए प्लान तैयार किया जाएगा।

    चार फीसदी साइकिल से स्कूल जाते हैं

    प्लान के मुताबिक, पुणे में हर दिन 10 लाख विद्यार्थी स्कूल, कॉलेज में जाते है। इनमें से 43 फीसदी विद्यार्थी स्कूल जाते हैं, जबकि चार फीसदी साइकिल से स्कूल जाते है। घर से स्कूल दो चार किलोमीटर दूर हो तो भी अभिभावक बच्चों को खुद स्कूल छोड़ने जाते है या प्राइवेट वाहनों से जाते है। पुणे के सभी भागों में ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर बनी हुई है। ऐसे में स्कूली ट्रैफिक की योजना की उपेक्षा से काम नहीं चलेगा। ऐसे में पीएमसी स्पर्धा के जरिए स्कूल ट्रैफिक संशोधन प्लान करने क निर्णय लिया है।

    क्या करना होगा

    • शैक्षणिक संस्था के परिसर के सड़क पर विशेष वक्त में विद्यार्थी ट्रैफिक को प्राथमिकता
    • पैदल और साइकिल से आने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा की सुविधा
    • पब्लिक ट्रांसपोर्ट की संख्या बढ़ने से समय के अनुसार योजना बनाना आवश्यक
    • स्कूल जाते और छुट्टी के वक्त अन्य वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करना

    स्कूल के ट्रैफिक की समस्या

    • विद्यार्थी ट्रांसपोर्ट के लिए अलग से पॉलिसी नहीं
    • स्कूल, कॉलेज के परिसर में ज्यादा भारी ट्रैफिक
    • स्कूल जाते और छुट्टी के वक्त ट्रैफिक जाम
    • विद्यार्थी को लाने ले जाने वाले वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था नहीं
    • प्राइवेट वाहनों का इस्तेमाल बढ़ रहा है