पुणे

Published: Sep 13, 2021 05:22 PM IST

Pimpri-Chinchwadसर्वे के बाद अवैध होर्डिंग्स पर गाज गिराने की तैयारी शुरू

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम

पिंपरी. अधिकृत और अनाधिकृत होर्डिंग्स (Unauthorized Hoardings) का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण (Survey) करने के बाद पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) द्वारा अवैध होर्डिंग्स पर गाज गिराने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इस कड़ी में महानगरपालिका के के स्काय साइन एन्ड लाइसेंस विभाग ने संबंधितों को नोटिस (Notice) जारी की है। इस सर्वे में महानगरपालिका की 109 जगहों पर 118 अवैध होर्डिंग के ढांचे पाए गए हैं। उन ढांचों को खड़ा करने वालों को नोटिस जारी की गईं है। इसमें अवैध ढांचे हटाने के लिए 15 दिनों की डेडलाइन देकर संबंधितों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की चेतावनी महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल ने दी है।

 महानगरपालिका की अनुमति लिए बिना शहर की सड़कों, गार्डन, फुटपाथ, मैदानों, स्मशानभूमि और नालों जैसी कई जगहों पर अवैध होर्डिंग लगाए गए हैं, जिससे महानगरपालिका के राजस्व की आय में गिरावट आ रही है। साथ ही शहर की सुंदरता नष्ट हो रही है। इन सब पर अंकुश लगाने के लिए और शहर का सौंदर्य और महानगरपालिका का राजस्व बढ़ाने के लिए अवैध होर्डिंग्ज पर नियंत्रण लाने का आदेश महानगरपालिका कमिश्नर ने स्काई साइन और लाइसेंस विभाग को दिया है। 

दर्ज किया जाएगा मामला

इसके अनुसार, सर्वे कराकर अवैध होर्डिंग्ज निश्चित किए गए हैं। उनमें से महानगरपालिका की जगह में अवैध होर्डिंग्ज लगाने वाले और उन पर विज्ञापन लगाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद निजी जगहों में बिना मंजूरी लगाए गए होर्डिंग्ज पर कार्रवाई की जाएगी। महानगरपालिका द्वारा किये गए सर्वेक्षण से अनुमान लगाया जा रहा है कि शहर में अवैध होर्डिंग्ज की संख्या लगभग दो हजार तक हो सकती है। इस बारे में महानगरपालिका कमिश्नर राजेश पाटिल ने नोटिस में कहा है कि अवैध होर्डिंग्ज और बोर्ड लगाने वाले व्यक्ति और संस्था तथा उनके माध्यम से विज्ञापन करने वाले व्यक्ति और संस्था के खिलाफ मामले दर्ज किए जाएंगे। 

…तो होगी कानूनी कार्रवाई

अवैध बोर्ड कब्जे में लेकर वे नष्ट किए जाएंगे। ऐसे होर्डिंग्ज 15 दिनों में अगर नहीं निकाले गए तो महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम, मुंबई प्रांतिक महानगरपालिका विज्ञापन और बोर्ड नियंत्रण कानून, महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर रचना अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान प्रतिबंधक कानून और महाराष्ट्र सार्वजनिक संपत्ति की हानि प्रतिबंध कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।