पुणे

Published: Nov 12, 2021 03:29 PM IST

Pimpri PMRDA Electionsपीएमआरडीए के चुनाव में भाजपा के सभी प्रत्याशी जीते

कंटेन्ट राइटरनवभारत.कॉम
कंटेन्ट एडिटरनवभारत.कॉम

पिंपरी : पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) ने पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (PMRDA) योजना समिति चुनावों में अपने किले को अभेद्य रखा। पार्टी के सभी छह उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। भाजपा में विद्रोह की कगार पर है और महाविकास आघाड़ी को इसका लाभ मिलेगा, यह सोच रखनेवाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) मुंह के बल गिरी है। 

पुणे जिला योजना समिति की 30 सीटों के लिए बुधवार को मतदान हुआ। पिंपरी-चिंचवड़ में 95 फीसदी मतदान हुआ। भाजपा के सभी 75 पार्षदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिनमें से 22 सीटें पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका सीमा में हैं, एक नगरपालिका क्षेत्र के लिए और सात सीटें ग्राम पंचायत सीमा के लिए हैं। पुणे महानगरपालिका में कांग्रेस के एक उम्मीदवार को वोट डालना था। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका सीमा की नौ सीटों के लिए भाजपा के 6 प्रत्याशी मैदान में थे। उनमें शामिल सभागृह नेता नामदेव ढाके, नगरसेवक चंद्रकांत नखाते, संदीप कस्पटे, निर्मला गायकवाड, वसंत बोराटे, जयश्री गावडे ने बाजी मार ली है।

भाजपा ने कायम रखा अपना दबदबा

महज दो महीने में महानगरपालिका के चुनाव आने के साथ ही सत्तारूढ़ भाजपा के करीब 25 से 30 असंतुष्ट पार्षदों के पार्टी त्यागने की उम्मीद सियासी गलियारों में जताई जा रही है। इसलिए कयास लगाए जा रहे थे कि पीएमआरडीए चुनाव में असंतुष्ट भाजपाई नगरसेवक विपक्षी उम्मीदवारों को वोट देंगे। हालांकि भाजपा शहर अध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे और विधायक लक्ष्मण जगताप दोनों ने महानगरपालिका में अपना दबदबा कायम रखा है। 

नाराज नगरसेवकों को मनाने की कवायद

भाजपा के शहर विधायक महेश लांडगे ने 2017 में महानगरपालिका में सत्ता हासिल करने के बाद अपने सभी समर्थकों को विभिन्न पदों पर मौका दिया है। हालांकि नगरसेवक वसंत बोराटे और नगरसेवक निर्मला गायकवाड़ को महत्वपूर्ण पद नहीं दिए गए। इसलिए बोराटे और गायकवाड़ परेशान बताए गए। हालांकि अंतिम चरण में विधायक महेश लांडगे ने अपने दोनों सहयोगी नगरसेवकों को पुणे जिले के लिए काम कर रही योजना समिति पर सीधे काम करने का मौका दिया। इसलिए विधायक लांडगे ने अपनी राजनीतिक ‘प्रतिबद्धता’ को पूरा किया है, यह भावना लांडगे समर्थकों द्वारा व्यक्त की जा रही है।